सात फेरे, छह दिन और फिर सन्नाटा: पहलगाम हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी, पत्नी के साथ थे हनीमून पर
सात फेरे, छह दिन और फिर सन्नाटा: पहलगाम हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी, पत्नी के साथ थे हनीमून पर

सात फेरे, छह दिन और फिर सन्नाटा: पहलगाम हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी, पत्नी के साथ थे हनीमून पर।छह दिन पहले लिए गए सात जन्मों के वादे, आतंक की एक गोली ने तोड़ दिए। पहलगाम आतंकी हमले में नौसेना के युवा अधिकारी शहीद हो गए, जो अपनी नई दुल्हन के साथ कश्मीर की वादियों में हनीमून मनाने आए थे। खुशियों से भरी यह यात्रा पलभर में मातम में बदल गई, और एक नवविवाहित जोड़े की ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
सात फेरे, छह दिन और फिर सन्नाटा: पहलगाम हमले में शहीद हुए नौसेना अधिकारी, पत्नी के साथ थे हनीमून पर
जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम हिल स्टेशन पर मंगलवार को हुए आतंकी हमले में मारे गए 16 लोगों के नाम सार्वजनिक किए गए हैं। इसमें हरियाणा के 26 वर्षीय विनय नरवाल का भी नाम है। विनय नरवाल नौसेना में अधिकारी थे। वो कोच्चि में तैनात लेफ्टिनेंट के पद थे तैनात। एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी। नरवाल पत्नी संग पहलगाम घूमने गए थे। विनय करनाल के रहने वाले थे। उनका एक मई को जन्मदिन भी था।
पहलगाम आतंकी हमले में कानपुर स्थित श्यामनगर के ड्रीमलैंड अपार्टमेंट के रहने वाले एक शुभम द्विवेदी की भी मौत हो गई। उनकी मौत की सूचना उनके पिता को शाम साढ़े छह बजे लग सकी। इसके बाद से पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। शुभम जम्मू कश्मीर में अपने परिवार के साथ घूमने गए थे और उनकी वापसी 23 अप्रैल को थी।
सीमेंट कंपनी में थे सेल्स प्रोमोटर के रूप कार्यरत
मूलरूप से चंदनपुर चक्की, हाथीपुर के रहने वाले डॉ. संजय द्विवेदी के बेटे शुभम द्विवेदी अपने परिजनों के साथ 18 अप्रैल को जम्मू कश्मीर घूमने गए थे। चाचा ज्योतिषाचार्य मनोज द्विवेदी ने जानकारी दी शुभम एक सीमेंट कंपनी में सेल्स प्रोमोटर के रूप में कार्यरत थे।
Navy officer killed in Pahalgam attack gone for trip with his wife after marriage
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pahalgam terror attack – फोटो : संवाद
शुभम के माथे में लगी गोली
उन्होंने जानकारी दी कि मंगलवार को उनके भाई डॉ. संजय द्विवेदी, मां सीमा द्विवेदी, बहन आरती और उनके दो बच्चे अनंतनाग में ही रुक गए। जबकि, शुभम और उनकी पत्नी ऐशान्यां दोनों पहलगाम में घुड़सवारी करने के लिए दोपहर लगभग एक बजे के करीब चले गए। लगभग सवा दो बजे के करीब दो से तीन आतंकवादी सेना की वर्दी में आए और ताबड़तोड़ गोलीबारी करने लगे। जिससे वहां पर आफरातफरी का माहौल हो गया, इसी बीच एक गोली शुभम के माथे पर लगी और वह मैदान पर गिर गए। जबकि, उनकी पत्नी बेहोश हो गई।
देर रात तक लगा लोगों का तांता
इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और सेना ने उन्हें कश्मीर के अस्पताल में भर्ती करवाया। जब पिता को इस हमले की सूचना प्राप्त हुई तो वह शुभम और ऐशन्यां को खोजने को निकले और उनको शाम साढ़े छह बजे के करीब पुलिस के माध्यम से शुभम को पहचाना। वहीं, इस सूचना के बाद चाचा और उनके परिवार में भी दुख का माहौल है और सभी सदस्य श्यामनगर स्थित अपार्टमेंट पहुंचे। यहां पर लोगों का तांता देर रात तक लगा रहा।
खुफिया ब्यूरो के अधिकारी की भी गई जान
हमले में हैदराबाद में तैनात खुफिया ब्यूरो (आईबी) के अधिकारी मनीष रंजन की भी मौत हो गई। मनीष बिहार निवासी थे। वह छुट्टी मनाने के लिए परिवार के साथ पहलगाम गए थे। आईबी के सूत्रों से मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, उन्हें उनकी पत्नी और बच्चे के सामने गोली मारी गई। मनीष रंजन पिछले दो वर्षों से आईबी के हैदराबाद कार्यालय के मंत्री अनुभाग में कार्यरत थे।