SC पहुंचा EC, कहा- प्रचार को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का फैसला मतदान प्रक्रिया में दखल

Madhya Pradesh Bypolls 2020: चुनाव आयोग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश से उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी. आयोग ने अपनी याचिकाओं में यह भी कहा है कि पहले से ही कोरोना वायरस के दौरान चुनाव कराने के दिशानिर्देश तय हैं और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाए.
मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनावों (Madhya Pradesh Bypolls) का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. यहां नेताओं की फिजिकल रैलियों पर अंकुश को लेकर मध्य प्रदेश होईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) के फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग (Election commission) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. अपनी याचिका में चुनाव आयोग ने कहा है कि चुनाव कराना उसका डोमेन है और हाई कोर्ट का ये फैसला मतदान की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है.
चुनाव आयोग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट के आदेश से उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होगी. आयोग ने अपनी याचिकाओं में यह भी कहा है कि कोरोना वायरस के दौरान चुनाव कराने के दिशानिर्देश पहले से ही तय हैं. आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. बता दें कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य में होने वाले आगामी उपचुनावों में बड़ी रैलियों को प्रतिबंधित कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा कि रैलियों की अनुमति तभी दी जा सकती है, जब वर्चुअल मीटिंग संभव न हो.
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को अपनी दौ रैलियों को निरस्त कर दिया था. शिवराज ने कहा था, वो हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए हो रही रैलियों पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था, ‘हम माननीय न्यायालय का सम्मान करते हैं, उनके फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इस फैसले के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं, क्योंकि एक देश में दो विधान जैसी स्थिति हो गई है. देश के एक हिस्से में रैली व सभा हो सकती है, दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती. बिहार में सभाएं हों रही हैं, रैलियां हो रही हैं लेकिन मध्य प्रदेश के एक हिस्से में सभाएं नहीं हो सकती. इस फैसले के संबंध में हम न्याय की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं, हमें विश्वास है कि न्याय मिलेगा.’