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संवाद-संसनी: अमेरिका में अधिकारी की मौत के बीच रूस और भारत ने कथित तौर पर पीएम मोदी पर CIA साजिश नाकाम की?

संवाद-संसनी: अमेरिका में अधिकारी की मौत के बीच रूस और भारत ने कथित तौर पर पीएम मोदी पर CIA साजिश नाकाम की?

संवाद-संसनी: अमेरिका में अधिकारी की मौत के बीच रूस और भारत ने कथित तौर पर पीएम मोदी पर CIA साजिश नाकाम की?। क्या अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने पीएम मोदी के हत्या की साजिश रची? क्या भारत और रूस ने मिलकर अमेरिकी एजेंसी की ये साजिश विफल की? बांग्लादेश में अमेरिकी स्पेशल फोर्स के अधिकारी की मौत का इससे क्या कनेक्शन है? ये सभी सवाल दक्षिण एशिया और भारत के आंतरिक क्षेत्र में सीआईए की मौजूदगी के बाद खड़े हो रहे हैं।

पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के तियानजिन में एससीओ बैठक के बाद एक साथ एक ही कार में सफर करते देखे गए थे। इस तस्वीर पर उस वक्त खूब चर्चा हुई, लेकिन अब इसे जुड़ा हुआ एक बड़ा दावा किया गया है। दरअसल, इसी दिन बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अमेरिकी विशेष बल के अधिकारी टेरेंस अर्वेल जैक्सन की रहस्यमयी स्थिति में मौत हुई थी। इस मौत ने कई अटकलों को जन्म दिया है।

अमेरिका और उसकी खुफिया शाखा, सीआईए दुनिया भर में अपने कुख्यात कृत्यों के लिए जानी जाती है। ये माना जा रहा है कि बांग्लादेश और नेपाल में हाल ही में हुई शासन अस्थिरता तक, यह एक खुला रहस्य है कि दक्षिण एशिया में राजनीतिक नाटक के पीछे वास्तव में सीआईए का गुप्त हाथ है।संवाद-संसनी: अमेरिका में अधिकारी की मौत के बीच रूस और भारत ने कथित तौर पर पीएम मोदी पर CIA साजिश नाकाम की?

कौन था टेरेंस अर्वेल जैक्सन?

टेरेंस अर्वेल जैक्सन नाम के एक अमेरिकी विशेष बल अधिकारी 31 अगस्त 2025 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक होटल में मृत पाए गए। पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में कोई बाहरी चोट नहीं मिली और मौत को प्राकृतिक बताया गया। खास बात ये है कि शव का पोस्टमॉर्टम किए बिना ही अमेरिकी दूतावास को सौंप दिया गया। जैक्सन अमेरिकी सेना की प्रथम विशेष बल कमान (एयरबोर्न) इकाई से जुड़े थे और पिछले कुछ महीनों से बांग्लादेश में मौजूद थे। बताया गया कि वह किसी बिजनेस ट्रिप पर थे, पर उनके असली उद्देश्य पर सवाल उठे हैं।

आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी विशेष बल अधिकारी टेरेंस अर्वेल जैक्सन की रहस्यमयी मौत की ताजा घटना ने दक्षिण एशिया, खासकर भारत के आसपास, अमेरिकी खुफिया कार्रवाइयों को लेकर संदेह और बढ़ा दिया है। अमेरिकी सुरक्षा अधिकारी की मौत ने इस आशंका को और बल दिया है कि क्या अमेरिकी अधिकारी को भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के इरादे से ढाका में तैनात किया गया था। विश्लेषकों का अनुमान है कि प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की योजना और कोशिश की गई होगी। हालांकि, भारत और रूस की खुफिया इकाइयों के संयुक्त अभियान ने इसे नाकाम कर दिया।

पीएम मोदी और पुतिन की 45 मिनट की चर्चा
ऑर्गनाइजर की रिपोर्ट में लिखा गया है, ”एक विश्लेषण के अनुसार, भारत और रूसी खुफिया एजेंसियों ने एक संयुक्त अभियान में इस साजिश को विफल कर दिया। ये भी संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने तियानजिन में कार के अंदर 45 मिनट तक चली अपनी बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की हो।

 

पीएम मोदी के बयान से अटकलों को मिली हवा
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के एक और बयान ने इन अटकलों को और हवा दे दिया है। जब चीन के तियानजिन से लौटने के ठीक अगले दिन, 2 सितंबर को, प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में सेमीकॉन शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान, उन्होंने सभी से पूछा, ‘क्या आप इसलिए ताली बजा रहे हैं क्योंकि मैं चीन गया था या इसलिए बजा रहे हैं क्योंकि मैं वापस आ गया हूं?’ कयास लगाए जा रहे हैं कि, प्रधानमंत्री मोदी की ये टिप्पणी एक गंभीर संदेश देती हैं।

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