
उज्जैन। अहोई अष्टमी पर बनेगा दुर्लभ मंगल पुष्य योग, माता हरसिद्धि के प्राकट्योत्सव में उमड़ेगी श्रद्धा। देश के 52 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ हरसिद्धि माता मंदिर में अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami 2025) पर मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के संयोग में माता हरसिद्धि का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा।
तड़के 4 बजे माता हरसिद्धि का पंचामृत अभिषेक पूजन तथा विशेष शृंगार होगा। शाम को खीर का महाभोग लगाकर आरती की जाएगी। कन्या पूजन होगा। भक्तों को प्रसादी का वितरण किया जाएगा। मंदिर में आकर्षक विद्युत व पुष्प सज्जा होगी।
महंत राजेश पुरी ने बताया शक्तिपीठ हर सिद्धि की पूजन परंपरा में कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी पर माता हरसिद्धि का प्राकट्योत्सव मनाया जाता है। श्रीमद्देवी भागवत पुराण में अहोई अष्टमी पर देवी दुर्गा के प्राकट्य की मान्यता है। माता हरसिद्धि शक्ति का ही अंश है, इसलिए शक्तिस्वरूपा मां जगदम्बा का प्राकट्य उत्सव अहोई अष्टमी पर माने की परंपरा चली आ रही है।
इस बार 14 अक्टूबर मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के महासंयोग में अहोई अष्टमी का पर्वकाल आ रहा है। इस दिन तड़के 4 बजे माता का पंचामृत अभिषेक पूजन कर विशेष श्रृंगार किया जाएगा। सुबह 5.30 बजे भक्तों के लिए मंदिर के पट खुलेंगे। श्रद्धालु दिनभर माता के दर्शन कर सकेंगे। संध्या आरती में दीपमालिका प्रज्वलित होगी। इसके बाद कन्या पूजन किया जाएगा। माता को केसर, मेवा मिष्ठान से युक्त खीर का भोग लगाया जाएगा।इसके बाद ढोल ढमाकों के साथ महाआरती की जाएगी।
शाम के समय महाप्रसादी का वितरण
मंदिर प्रबंधक इंद्रेश लोधी ने बताया हरसिद्धि मंदिर में भक्तों के सहयोग से भंडारा महाप्रसादी का आयोजन किया जाता है। शाम को संध्या आरती के बाद भक्तों को पूरी, सब्जी, खीर, हलवा आदि प्रसाद का वितरण होता है। भंडारा भक्तों की इच्छा के अनुसार किया जाता है। कुछ भक्त विभिन्न प्रकार के पकवानों का वितरण भी करते हैं। अहोई अष्टमी पर महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।