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हेयर ट्रांसप्लांट कौन कर सकता है? संसद में उठा सवाल, सरकार ने डेंटिस्ट पर दिया जवाब

हेयर ट्रांसप्लांट कौन कर सकता है? संसद में उठा सवाल, सरकार ने डेंटिस्ट पर दिया जवाब

हेयर ट्रांसप्लांट कौन कर सकता है? संसद में उठा सवाल, सरकार ने डेंटिस्ट पर दिया जवाब।संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. इस सत्र के दौरान कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा की ओर से यह सवाल किया गया कि दांत के डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट और एस्थेटिक स्किन सर्जरी कर सकते हैं या नहीं? क्या सरकार इस तरह के मामले में ओवरलैपिंग जैसी स्थिति को हल करने के लिए DCI और NMC के बीच एडवाइजरी जारी करने या किसी तरह का समन्वय तंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार कर रही है।

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हेयर ट्रांसप्लांट कौन कर सकता है? संसद में उठा सवाल, सरकार ने डेंटिस्ट पर दिया जवाब

राज्यसभा में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनु्प्रिया पटेल ने कहा, “ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जन (OMFS) जो डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) के MDS कोर्स रेगुलेशन, 2017 के तहत ट्रेनिंग हासिल करते हैं, उन्हें क्रैनियो और मैक्सिलोफेशियल क्षेत्र तक सीमित एस्थेटिक स्किन सर्जरी प्रोसेस और चुनिंदा मामलों में हेयर ट्रांसप्लांट करने की अनुमति मिली हुई है.

DCI और NMC टकराव नहीं पूरकः अनुप्रिया पटेल

केंद्रीय मंत्री पटेल ने आगे बताया कि OMFS स्पेशलिस्ट को उनके अनुमोदित और मान्यता प्राप्त पोस्ट ग्रेजुएशन करिकुलम के हिस्से के रूप में व्यापक स्तर पर ट्रेनिंग दी जाती है. उनका क्षेत्र हेयर ट्रांसप्लांट (Dermatology) और जनरल मेडिसिन से थोड़ा अलग है, और इसलिए डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) और नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के दायरे टकराव के बजाय एक-दूसरे के पूरक बने रहते हैं.

क्या इस तरह की अनुमति दिया जाना सार्वजनिक सुरक्षा या नियामक चिंताओं को बढ़ाती है, पर सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए अनुप्रिया पटेल ने बताया कि सरकार रेगुलेटरी सिस्टम में स्पष्टता बनाए रखने, मरीजों की सुरक्षा पर ध्यान देने और संबंधित नियामक निकायों द्वारा विनियमित व्यवसायों की अखंडता बनाए रखने के लिए अलग-अलग वैधानिक निकायों के बीच अंतर-नियामक समन्वय को बढ़ावा देती है.

तेलंगाना में TMC और DCI के बीच हुआ था विवाद

इससे पहले इसी साल जून में तेलंगाना में इस मसले पर विवाद की स्थिति बनी थी. तब तेलंगाना मेडिकल काउंसिल (TMC) ने ऐलान करते हुए बताया कि डेंटिस्ट, डेंटल सर्जन के अलावा ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जनों के पास एस्थेटिक प्रोसेस करने तथा हेयर ट्रांसप्लांट करने के लिए आवश्यक क्वालीफिकेशन नहीं हैं.

हालांकि इसके बाद तेलंगाना डेंटल काउंसिल (DCI) ने अपनी ओर से बयान जारी कर कहा कि DCI की ओर से तय मानकों के तहत ट्रेंड, बकायदा रजिस्टर्ड ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जन चेहरे की एस्थेटिक प्रोसेस और हेयर ट्रांसप्लांटेशन करने के लिए पूरी तरह से योग्य और अधिकृत हैं. साथ ही काउंसिल ने लोगों को यह सलाह भी दी कि वे “इस मामले में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया या संबंधित राज्य डेंटल काउंसिल के अलावा किसी भी अन्य संगठन, काउंसिल या निकाय के बयानों या किसी अन्य माध्यम से प्रभावित न हों.”

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