जंग के बीच पहली बार खुला पुतिन का राज, सामने आए रूस के परमाणु ठिकानों के ठिकाने
जंग के बीच पहली बार खुला पुतिन का राज, सामने आए रूस के परमाणु ठिकानों के ठिकाने

जंग के बीच पहली बार खुला पुतिन का राज, सामने आए रूस के परमाणु ठिकानों के ठिकाने। यूक्रेन जंग के बीच रूस के परमाणु ठिकानों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. डेनिश और जर्मन मीडिया जांच में दो मिलियन से ज्यादा गोपनीय दस्तावेज सामने आए हैं. इनमें रूस के 11 न्यूक्लियर ठिकानों के नक्शे, सुरंगें, कंट्रोल रूम और हाइपरसोनिक हथियारों की तैनाती की जानकारी दी गई है. इससे रूस की सैन्य रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं।
रूस की परमाणु ताकत हमेशा से एक रहस्य रही है, लेकिन अब पहली बार इस पर से पर्दा हटता दिख रहा है. यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन की परमाणु रणनीति को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. विदेशी मीडिया जांच में ऐसे गोपनीय दस्तावेज सामने आए हैं, जिन्होंने रूस की न्यूक्लियर तैयारी और उसके ठिकानों की अंदरूनी जानकारी दुनिया के सामने ला दी है. यह खुलासा न केवल पश्चिमी देशों की चिंता बढ़ा रहा है, बल्कि पुतिन की सैन्य नीति को भी सवालों के घेरे में ला रहा है.
जर्मन मीडिया समूह Der Spiegel और डेनमार्क की इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी Danwatch ने मिलकर एक बड़ी रिपोर्ट पेश की है, जिसमें दो मिलियन से ज्यादा रूसी सैन्य दस्तावेजों का विश्लेषण किया गया है. इन दस्तावेजों में रूसी परमाणु मिसाइल ठिकानों के नक्शे, उनकी आंतरिक बनावट, सुरक्षा इंतजाम और निर्माण योजनाएं शामिल हैं. यह दावा किया गया है कि इन दस्तावेजों में रूसी सेना के कुछ बेहद संवेदनशील परमाणु स्थलों की सटीक जानकारी है, जिसे अब तक गुप्त रखा गया था.
11 बड़ी जगहों का खुलासा
खास बात यह है कि लीक दस्तावेजों में रूस के रणनीतिक मिसाइल बेस यास्नी (Yasny) की भी जानकारी दी गई है. यह ओरेनबर्ग क्षेत्र में स्थित है और यहां से परमाणु हथियारों से लैस मिसाइलें छोड़ी जा सकती हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक यास्नी ऐसा एक ठिकाना है, जहां रूस का हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल Avangard तैनात है. पत्रकारों ने दावा किया है कि यास्नी के अलावा 10 और जगहों के प्लान भी दस्तावेजों में दर्ज हैं.
कंट्रोल रूम के भी नक्शे लीक
इन दस्तावेजों में केवल बाहरी ढांचे नहीं, बल्कि ठिकानों के अंदर मौजूद सुरंगों, कंट्रोल रूम, हथियार भंडारण क्षेत्रों और सुरक्षा उपकरणों की जगहों तक की जानकारी है. यहां तक कि किन इमारतों को सुरंगों से जोड़ा गया है, इसका भी पूरा विवरण है. इससे यह अंदेशा जताया जा रहा है कि रूस की सुरक्षा व्यवस्था में भारी सेंध लगी है.
इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि पुतिन सरकार लंबे समय से सोवियत संघ के पुराने परमाणु अड्डों का आधुनिकीकरण कर रही है. कुछ जगहों पर तो पूरी तरह से नए सैन्य परिसर बनाए जा रहे हैं. इसमें नई बैरक, गार्ड टावर, कमांड सेंटर और भूमिगत सुरंगें शामिल हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ये तैयारियां रूस की उस छिपी रणनीति का हिस्सा हैं, जिसे वह पश्चिमी देशों से छुपाकर रखता आया है.
सुरक्षा विशेषज्ञों ने माना बड़ा खतरा
नॉर्वे के रक्षा विशेषज्ञ टॉम रोसेथ ने कहा कि यह लीक रूस की सुरक्षा में बहुत बड़ा सेंध है. उनका मानना है कि यह खुलासा पूरी परमाणु प्रणाली की कमजोरी और ताकत को उजागर करता है. वहीं, अमेरिकी परमाणु सूचना परियोजना के निदेशक हांस क्रिस्टेन्सन का कहना है कि इन दस्तावेजों से सैटेलाइट तस्वीरों को मिलाकर विश्लेषण करना अब और आसान हो गया है, जिससे रूस की हर गतिविधि को बारीकी से देखा जा सकता है.
पुतिन की प्लानिंग पर उठे सवाल
इस खुलासे ने वैश्विक सुरक्षा समीकरणों को हिला दिया है. 2018 में पुतिन ने नए परमाणु हथियार सिस्टम की घोषणा की थी, लेकिन इन दस्तावेजों से पता चलता है कि उनका असली फोकस परमाणु ठिकानों के विस्तार और आधुनिकीकरण पर था. यह स्थिति ऐसे समय में सामने आई है, जब यूक्रेन जंग के चलते रूस लगातार अपने परमाणु शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है. ऐसे में यह लीक पश्चिमी देशों के लिए खतरे की घंटी बन सकती है.