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तिलक महाविद्यालय में सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न शैक्षणिक एवं सृजनात्मक गतिविधियों का आयोजन

तिलक महाविद्यालय में सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न शैक्षणिक एवं सृजनात्मक गतिविधियों का आयोज

कटनी-पीएमसीओई शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कटनी में सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न शैक्षणिक एवं सृजनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया। उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार संपन्न हुए इन कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

आयोजन में प्रमुख रूप से सिकल सेल एनीमिया विषय पर स्क्रीनिंग एवं व्याख्यान तथा “विकसित भारत” विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता शामिल रही।

इस अवसर पर पूर्व प्राचार्य एवं विज्ञान संकाय प्रमुख डॉ. सुधीर खरे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “स्वस्थ शरीर और संतुलित आहार ही जीवन की सच्ची पूंजी है। युवाओं को शिक्षा के साथ स्वास्थ्य विषयक जागरूकता पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यही भविष्य के सशक्त भारत की नींव है।

सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम नोडल पदाधिकारी डॉ माधुरी गर्ग ने अपने उद्बोधन में कहा, “इस प्रकार की प्रतियोगिताएँ और व्याख्यान विद्यार्थियों को ज्ञान, रचनात्मकता और सामाजिक उत्तरदायित्व—तीनों का अवसर प्रदान करती हैं। इन आयोजनों में आपकी सक्रिय भागीदारी ही इन्हें सफल बनाती है।

एनएसएस जिला संयोजक डॉ. आर. पी. सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा, “सिकल सेल एनीमिया जैसे गंभीर रोगों के प्रति समाज को जागरूक करना आज की आवश्यकता है। युवा वर्ग का योगदान ही विकसित भारत की असली पहचान बनेगा।”

कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुचि सिंह ने किया। उन्होंने कहा छात्र-छात्राओं की भागीदारी ही इन आयोजनों की आत्मा है। यह देखकर प्रसन्नता होती है कि विद्यार्थी न केवल ज्ञान अर्जित कर रहे हैं बल्कि अपनी रचनात्मकता और सामाजिक चेतना से समाज को दिशा भी दे रहे हैं।” आज के कार्यक्रम की प्रभारी डॉ शैलजा बरसैंया ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए सिकल सेल और उसके प्रभाव की चर्चा की। डॉ शोभाराम पाटिल ने विकसित भारत पर अपनी बात रखी। वहीं डॉ. निधि सिंह ने सिकल सेल पर कविता पाठ किया। आयोजन में मौजूद सभी का आभार प्रदर्शन डॉ. ज्योत्स्ना पाठक ने किया। प्रतियोगिताओं में निदा शेख, रूप नारायण साहू, पूनम बर्मन, आयशा बेगम, खुशबू कोरी, मोनिका सिंह राजपुत आदि विद्यार्थियों ने व्याख्यान प्रस्तुत किया। आरती कोरी एवं प्रिया गुप्ता ने बुंदेली लोकगीत का गायन किया।
आज के कार्यक्रम में प्रो. ज्योत्स्ना आठ्या, प्रो. संगीता बसरानी, डॉ. ज्ञानेंद्र मोहन श्रीवास्तव, आयुष तिवारी, विनोद कुमार लोधी, डॉ. राजश्री शर्मा, डॉ अंकिता खंडेलवाल ने सक्रिय भागीदारी की।
प्रतियोगिता में साक्षी यादव, उपासना पटेल, मुस्कान निषाद, शिवासु मिश्रा एवं रूपनारायण साहू सहित अनेक विद्यार्थियों ने भाग लेकर अपनी प्रस्तुतियों से आयोजन को सफल बनाया। महाविद्यालय प्रशासन ने सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास, स्वास्थ्य संवर्धन और राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरक भूमिका निभाते हैं।

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