Online Game se aatank ka safar: फर्जी प्यार और डिजिटल पैसा, ‘प्रिया’ के बहाने पहलगाम तक भेजी गई गुनहगारों को मदद
Online Game se aatank ka safar: फर्जी प्यार और डिजिटल पैसा, 'प्रिया' के बहाने पहलगाम तक भेजी गई गुनहगारों को मदद

Online Game se aatank ka safar: फर्जी प्यार और डिजिटल पैसा, ‘प्रिया’ के बहाने पहलगाम तक भेजी गई गुनहगारों को मदद। पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी. इस अभियान के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया. एक ओर जहां भारतीय सैनिक पाकिस्तान को जवाब दे रहे थे तो वहीं, दिल्ली के दिल में बैठा एक भारतीय देश के साथ गद्दारी कर रहा था. इस शख्स का नाम है विशाल यादव और वो नौसेना भवन में बैठकर ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान को दे रहा था।
Online Game se aatank ka safar: फर्जी प्यार और डिजिटल पैसा, ‘प्रिया’ के बहाने पहलगाम तक भेजी गई गुनहगारों को मदद

देश ऑपरेशन सिंदूर में जुटा था, दिल्ली में बैठा नौसेना कर्मचारी पाकिस्तान को दे रहा था राज
विशाल की गिरफ्तारी बुधवार को हुई. उसे राजस्थान पुलिस की खुफिया विंग ने अरेस्ट किया. वह हरियाणा का रहने वाला है. नौसेना भवन में डायरेक्टरेट ऑफ डॉकयार्ड में कार्यकत विशाल यादव सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की एक महिला हैंडलर के लगातार संपर्क में था. महिला का नाम प्रिया शर्मा बताया जा रहा है. वह विशाल को पैसों का ललच देकर नौसेना भवन से सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं निकालने के लिए उकसा रही थी।
ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था विशाल
आरोपी विशाल यादव ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था. अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए वह देश के साथ गद्दारी करने लगा. वह महिला हैंडलर को गोपनीय सूचनाएं उपलब्ध कराकर अपने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट में यूएसडीटी और सीधे अपने बैंक खातों में धनराशि प्राप्त कर रहा था।
विशाल के मोबाइल फोन से कई चौंकाने वाले खुलासे भी हुए हैं. उसके चैट और दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि विशाल ने ऑपरेशन सिंदूर के वक्त नौसेना और अन्य गोपनीय सूचनाएं महिला पाक हैंडलर को उपलब्ध कराई थी।
विशाल यादव से जयपुर में पूछताछ की जा रही है. उससे कई एजेंसियां सच निकलवा रही हैं. वो मालूम कर रही हैं कि विशाल ने कौन-कौन सी गोपनीय जानकारियां लीक की।
पहलगाम हमले के बाद से ही जारी है एक्शन
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद से ही संदिग्ध पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्कों पर एक्शन चल रहा है. हाल के दिनों में सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से संबंध बनाए रखने के आरोप में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राजस्थान में शकूर खान नाम के एक सरकारी कर्मचारी को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में जैसलमेर में हिरासत में लिया गया था. सबसे बड़ी गिरफ्तारी हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा के रूप में हुई थी।
यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को भी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एजेसियों का दावा है कि वह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी के संपर्क में थी।
22 जून को पंजाब में भी हुई गिरफ्तारी
पंजाब पुलिस ने 22 जून को ISI के लिए जासूसी करने के आरोप में दो लोगों का गिरफ्तार किया था. अमृतसर पुलिस के अनुसार, आरोपियों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ शाली और राणा जावेद के रूप में हुई है. खुफिया जानकारी के आधार पर अमृतसर पुलिस ने उन्हें ISI से जुड़ी जासूसी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया है।
गुरप्रीत 2016 से सेना में है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट राणा जावेद के संपर्क में था. वह भारतीय सैन्य स्थलों और सेना की गतिविधियों की जानकारी ISI को दे रहा था. जांच में पता चला है कि गुरप्रीत सिंह ISI के एजेंटों के सीधे संपर्क में था. पेन ड्राइव के माध्यम से गुप्त और संवेदनशील जानकारी साझा कर रहा था. इस मामले में मुख्य हैंडलर की पहचान राणा जावेद के रूप में हुई है।