अब इस राज्य में सरकारी स्कूलों की छात्राओं को पहनना होगा ओवरकोट ; शाम 6 बजे के बाद एक्स्ट्रा क्लासेज भी न लगाने का निर्देश, फैसले के पीछे की बताई ये वजह
अब इस राज्य में सरकारी स्कूलों की छात्राओं को पहनना होगा ओवरकोट ; शाम 6 बजे के बाद एक्स्ट्रा क्लासेज भी न लगाने का निर्देश, फैसले के पीछे की बताई ये वजह

अब इस राज्य में सरकारी स्कूलों की छात्राओं को पहनना होगा ओवरकोट ; शाम 6 बजे के बाद एक्स्ट्रा क्लासेज भी न लगाने का निर्देश, फैसले के पीछे की बताई ये वजह । पुडुचेरी सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए एक हैरान करने वाला नियम लागू किया है. यहां सरकार ने छात्राओं को ओवरकोट पहनने का आदेश जारी किया है।
पुडुचेरी के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सी. गवौरी ने बताया कि स्कूल शिक्षा निदेशक ने सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक की छात्राओं के लिए ओवरकोट पहनने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि सभी स्कूल निरीक्षण अधिकारियों को ये निर्देश दे दिया गया है कि वो छात्राओं के लिए ओवरकोट का डिजाइन अपने अधीन आने वाले स्कूलों के प्रमुखों को भेजें और कक्षा 6 से 12वीं तक पढ़ने वाली छात्राओं को डिजाइन के अनुसार ही ओवरकोट पहनकर आने को कहें।
सूत्रों के मुताबिक, छात्राओं को ओवरकोट पहनने का निर्देश देने का फैसला उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. इससे पहले इसी साल जनवरी के आखिर में शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को लेकर भी एक निर्देश जारी किया था. शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों के मैनेजमेंट को निर्देश जारी किया था कि वो शाम 6 बजे के बाद एक्स्ट्रा क्लासेज न लगाएं और वीकेंड और सार्वजनिक छुट्टियों के दौरान छात्रों को पढ़ाएं।
सरकारी स्कूलों के छात्रों को 10% क्षैतिज आरक्षण
पुडुचेरी सरकार ने हाल ही में अंडर-ग्रेजुएशन लेवल के गैर-नीट पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए सरकारी स्कूलों के छात्रों को 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया है. इससे केंद्रीयकृत प्रवेश समिति (CENTAC) के लिए शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए काउंसलिंग शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है।
किन कोर्सेज पर लागू होगा आरक्षण?
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह आरक्षण सरकारी और निजी वित्तपोषित संस्थानों, दोनों में सरकारी कोटे के तहत सीटों पर लागू होगा. जिन कोर्सेज में ये आरक्षण लागू होगा, उसमें इंजीनियरिंग, पशु चिकित्सा, कृषि एवं बागवानी, नर्सिंग, जीव विज्ञान आधारित पैरामेडिकल डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम, फार्मेसी, कानून, आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स शामिल हैं।