
अब मातृभाषा में होगी पढ़ाई: ‘पलाश’ से तीसरी तक के बच्चे चुटकी में सीखेंगे गणित। बच्चों की लर्निंग बेहतर करने रांची-राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधान के तहत प्राथमिक विद्यालयों में मातृभाषा आधारित शिक्षा प्रदान करने की तैयारी कर ली है। इसे लेकर झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जनजातीय बहुल विद्यालयों के लिए ‘पलाश’ पुस्तक प्रकाशित की गयी है।
अब मातृभाषा में होगी पढ़ाई: ‘पलाश’ से तीसरी तक के बच्चे चुटकी में सीखेंगे गणित
इस पुस्तक के माध्यम से पहली, दूसरी और तीसरी कक्षा के बच्चों को शुरुआती महीनों में उनकी मातृभाषा से अकादमिक भाषा हिन्दी और अंग्रेजी में शिक्षा प्रदान किया जाएगा। पलाश पुस्तक में जनजातीय भाषा के बच्चों को उनकी मौखिक भाषा विकास, डिकोडिंग,पठन और लेखन की दक्षताएं मजबूत करने के लिए शब्द, वाक्य, कविताएं और कहानियां उनकी मातृभाषा में लिखे गए हैं।
बच्चों को प्रारंभिक कक्षाओं से ही गणित के प्रति रुचि पैदा करने के लिए आसान एवं रोचक तरीके से प्रस्तुत करने पर जोर दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनरों को आसान एवं रोचक तरीके से गणित सिखाने के गुर बताया गया।
राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनरों को मिल रहा प्रशिक्षण
पुस्तक लेखन एवं प्रशिक्षण कार्य लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन की देखरेख एवं मार्गदर्शन में हुआ. हो जनजातीय भाषा की पुस्तक लेखन में पश्चिमी सिंहभूम के विभिन्न विद्यालयों के हो भाषी शिक्षक-शिक्षिकाओं को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसमें कृष्णा देवगम, राजेश सिंकू, विद्यासागर लागुरी, हरीश लागुरी, मंगल सिंह मुंडा, दमयंती बिरूवा एवं विनिता कुमारी गोप शामिल हैं. पुस्तक लेखन कार्य सम्पन्न होने के बाद बच्चों को बहुत जल्द पुस्तक मिलेगी. मातृभाषा व हिंदी में बनी पलाश नामक पुस्तक से शिक्षा आरंभ करने के लिए जेसीईआरटी ने राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण आरंभ कर दिया है. प्रशिक्षण में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (गुणवत्ता शिक्षा) अभिनव कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का अवलोकन कर मास्टर ट्रेनरों को अपने-अपने जिले में शिक्षक-शिक्षिकाएं को बारीकी और प्रभावी तरीके से प्रशिक्षित करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर सिखायी जा रही बातें जिले के शिक्षकों के बीच हू-ब-हू हस्तांतरित हों, ताकि बच्चों को उनकी मातृभाषा के माध्यम से विषय वस्तुओं को समझने में आसानी हो और कक्षा में सवाल पूछने व जवाब देने के लिए तैयार हो सकें।
अब मातृभाषा में होगी पढ़ाई: ‘पलाश’ से तीसरी तक के बच्चे चुटकी में सीखेंगे गणित