मुरैना महापौर की फर्जी मार्कशीट: कोर्ट ने दिए एफआईआर के आदेश

मुरैना महापौर की फर्जी मार्कशीट: कोर्ट ने दिए एफआईआर के आदेश। मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी की 10वीं की मार्कशीट फर्जी होने के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है ।
फर्जी मार्कशीट: शारदा सोलंकी की 10वीं की मार्कशीट फर्जी पाई गई है ।
कोर्ट का आदेश: कोर्ट ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
BJP की प्रतिक्रिया: इस मामले में बीजेपी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है, कहा है कि यह गंभीर मामला है और इसकी जांच होनी चाहिए । यह मामला मुरैना की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन गया है और इसके परिणामस्वरूप शारदा सोलंकी की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
मुरैना की कांग्रेस से महापौर शारदा सोलंकी अब एक नई मुसीबत में फंस गई है। उनकी दसवीं की मार्कशीट फर्जी साबित हो गई है। इसके चलते अदालत ने उनके खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दे दिये हैं। उन्होंने यह मार्कशीट नामांकन के समय प्रस्तुत की थी। उनके खिलाफ भाजपा महापौर प्रत्याशी मीना जाटव ने कोर्ट में याचिका लगाई थी।
। मुरैना महापाैर शारदा सोलंकी की 10वीं की अंकसूची फर्जी निकली है। जिला न्यायालय के जेएमएफसी कोर्ट ने महापौर के खिलाफ सिविल लाइन थाने को केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। उधर महापौर शारदा सोलंकी और उनके वकील संजय मिश्रा ने इस तरह के किसी भी फैसले की जानकारी नहीं होने की बात कही है।
नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी रहीं मीना मुकेश जाटव ने महापौर शारदा सोलंकी की अंकसूची और उनके जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताते हुए कोर्ट में याचिका लगाई थी।
इसलिए कोर्ट ने जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ लगी याचिका को 9 मई 2024 को खारिज कर दिया था, लेकिन 10वीं की अंकसूची मामले में महापौर फंस चुकी हैं।
गौरतलब है, कि कांग्रेस से महापौर का चुनाव जीतीं शारदा सोलंकी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।
जिस रोल नंबर की अंकसूची, वह किसी लड़के का जो परीक्षा में ही नहीं बैठा
महापौर शारदा सोलंकी ने साल 1986 में पिनाहट के सर्वाेदय विद्या मंदिर स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास होना बताया, उनका रोल नंबर 1009025 है। पिनाहट के इस स्कूल से पूरा रिकार्ड मांगा तो स्कूल प्रबंधन ने बताया है, कि उनके स्कूल में साल 1986 में शारदा पुत्री वासुदेव का दाखिला ही नहीं हुआ है।
मार्कशीट पर जो रोल नंबर 1009025 है, वह नरोत्तम पुत्र भानजीत नाम के छात्र का है। इसके बाद याचिकाकर्ता मीना मुकेश जाटव ने उप्र के इलाहाबाद माध्यमिक बोर्ड से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली।