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Mid Day Meal: रसोइया काम करे, पैसा बहन ले जाए, प्रिंसिपल पर मिड डे मील घोटाले का आरोप

Mid Day Meal: रसोइया काम करे, पैसा बहन ले जाए, प्रिंसिपल पर मिड डे मील घोटाले का आरोप

Mid Day Meal: रसोइया काम करे, पैसा बहन ले जाए, प्रिंसिपल पर मिड डे मील घोटाले का आरोप।जनपद शिक्षा केंद्र परसवाड़ा अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला दलवाड़ा में मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोइया सीता बाई तेकाम को 11 माह का मानदेय अभी तक नहीं मिला हैं।

Mid Day Meal: रसोइया काम करे, पैसा बहन ले जाए, प्रिंसिपल पर मिड डे मील घोटाले का आरोप

मामले की शिकायत शिक्षा विभाग, जिला पंचायत सीईओ, जनपद सीईओ, सहायक आयुक्त जन जाति कार्य विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी के अलावा कलेक्टर की जनसुनवाई में की गई। जिसकी जांच होने पर रसोइया का वेतन स्कूल के प्रभारी प्रधानपाठक की बहन के खाते में जमा होना सामने आया है, लेकिन अभी तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है और ना ही रसोइया को मानेदय अभी तक दिया गया है।

नहीं मिला रसोइया का मानदेय

रसोइया सीता बाई पति सुखेसिंह तेकाम 38 ने बताया कि एक जुलाई 2009 से स्कूल में मध्याह्न भोजन का कार्य कर रही थी। उसे काम से हटाया दिया गया है और 11 माह का मानदेय अभी तक नहीं दिया गया है। जिससे उसे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रभारी प्रधानपाठक अनिता क्षीरसागर से मानदेय के संबंध में जानकारी चाही तो उन्हें जातिगत रूप से अपमानित कर रसोइया के कार्य में आने से मना कर दिया।

 

44 हजार का किया गबन

इधर, दूसरी रसोइया मथुरा बाई मर्सकोले जिनकी नियुक्ति उनके बाद हुई थी, जिसे कार्य पर रखा गया है। सीता बाई को बच्चों की संख्या कम होने पर भोपाल से फोन आने का हवाला देकर कार्य से बंद कर दिया। भोपाल से फोन नंबर की जानकारी लेने पर जनपद शिक्षा केंद्र परसवाड़ा के नरेंद्र शरणागत (बीएसी) एमडीएम प्रभारी का पाया गया। जिसमें सामने आया कि प्रधानपाठक ने अपनी सुनीता बाई पति दोहाराम राहंगडाले के नाम से फर्जी प्रस्ताव तैयार कर रसोइया का मानदेय भुगतान कर प्रधानपाठक व बीएसी दोनों के आपसी मिलकर 44 हजार रुपये की शासकीय राशि का गबन किया गया।

किसी अन्य के खाते में आया मानदेय

महिला सुनीता बाई के नाम से रसोइया की राशि डाली गई है वह महिला ग्राम दलवाड़ा की नहीं है बल्कि ग्राम चनई खलौंडी की हैं। जबकि सुनीता पिता दोहाराम राहंगडाले को स्कूल में कार्य करते किसी ने भी नहीं देखा गया और 11 माह की राशि 44 हजार उसके खाते में कैसे डाल दी गई। मामला सामने आने पर 23 जनवरी 2025 को जिला पंचायत का एक दल निरीक्षण करने स्कूल पहुंचा। जांच दल ने विभागीय कार्रवाई के दौरान सीता बाई का सबूत प्रधानपाठक अनिता क्षीरसागर से नहीं मांगा गया, जो संदेह घेरे में हैं।

 

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