मक्का के काबा में 300 किलो सोने का दरवाज़ा: जानिए किसने बनवाया और कौन रखता है इसकी चाबी
मक्का के काबा में 300 किलो सोने का दरवाज़ा: जानिए किसने बनवाया और कौन रखता है इसकी चाबी

मान्यता है कि पैगंबर मोहम्मद के दौर में ही इसी जनजाति के खानदान को चाबी मिली थीं. तब से चाबी इसी परिवार के पास हैं. काबा में पहुंचने का एक ही दरवाजा है, इसे बाब-ए-काबा कहते हैं. यह उत्तर-पूर्वी दीवार के पास बना है और काले पत्थर के पास में है जहां से तवाफ शुरू होता है।
काबा को बैतुल्लाह यानी अल्लाह का घर भी कहा जाता है. जो एक घनाकर इमारत के आकार में है. इसके पास एक ऐसी जगह है जहां हजरत इब्राहिम ने खड़े होकर काबा का निर्माण कराया था, उस जगह पर उनके पैरों के निशान नजर आते हैं. जिसे कांच के ढांचे में सुरक्षित रखा गया है. मक्का में गैर-मुसलमानों के प्रवेश पर रोक है।
काबा का दरवाजा 1942 से पहले किसने बनवाया था, इतिहास में इसकी अधिक जानकारी नहीं मिलती है.1942 में इसका निर्माण इब्राहिम बद्र ने इसका निर्माण कराया और इसे चांदी से बनवाया था, लेकिन 1979 में इब्राहिम बद्र के बेटे अहमद बिन इब्राहिम बद्र ने काबा के लिए दरवाजा बनाया और इसमें तीन सौ किलो सोने का इस्तेमाल किया गया था।
मक्का के काबा में 300 किलो सोने का दरवाज़ा: जानिए किसने बनवाया और कौन रखता है इसकी चाबी