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₹1 का सिक्का बनाने में लगते हैं ₹1.11… क्या सरकार बंद कर सकती है 1 रुपए का सिक्का?

₹1 का सिक्का बनाने में लगते हैं ₹1.11… क्या सरकार बंद कर सकती है 1 रुपए का सिक्का?

₹1 का सिक्का बनाने में लगते हैं ₹1.11… क्या सरकार बंद कर सकती है 1 रुपए का सिक्का?। अमेरिका ने $56 मिलियन का भारी नुकसान देखते हुए ‘पेनी’ सिक्कों का उत्पादन बंद कर दिया है. एक अमेरिकी सेंट बनाने में अब 4 सेंट तक खर्च हो रहे थे. वहीं, भारत में भी ₹1 का सिक्का उसकी कीमत से महंगा पड़ता है. हालांकि, ₹5 और ₹10 के सिक्के बनाना सरकार के लिए फायदे का सौदा है।

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₹1 का सिक्का बनाने में लगते हैं ₹1.11… क्या सरकार बंद कर सकती है 1 रुपए का सिक्का?

जिस एक पैसे (सेंट) को हम छोटा समझते हैं, उसे बनाने में अमेरिका को भारी घाटा उठाना पड़ रहा था. इसकी वजह से अब अमेरिका ने 1 सेंट (penny) का सिक्का बनाना बंद करने का फैसला कर लिया है. अमेरिकी मिंट (U.S. Mint) की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, 1 सेंट के एक सिक्के को बनाने में लगभग $0.0396 (3.96 सेंट) का खर्च आ रहा था, जबकि उसकी कीमत सिर्फ 1 सेंट थी.

यानी, सिक्का अपनी वास्तविक कीमत से लगभग चार गुना महंगा पड़ रहा था. इस भारी नुकसान से बचने के लिए अमेरिका ने नए पेनी का उत्पादन रोकने का आदेश दिया है. 232 साल पुरानी इस पेनी का आखिरी सिक्का बुधवार को प्रेस किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, US को सिर्फ पेनी से ही पिछले साल $85.3 मिलियन का नुकसान हुआ था. अनुमान है कि यह कदम उठाने से अमेरिका सालाना $56 मिलियन की बचत कर सकेगा।

सिर्फ सेंट नहीं, निकेल भी दे रहा था ज़ोरदार झटका

ऐसा नहीं है कि सिर्फ पेनी ही नुकसान का सौदा थी. अमेरिका में 5 सेंट के सिक्के, जिन्हें ‘निकेल’ (Nickel) कहा जाता है, उन्हें बनाने में भी उनकी कीमत से दोगुने से ज़्यादा का खर्च उठाना पड़ रहा था. एक निकेल बनाने में $0.138 (13.8 सेंट) लगते थे, जबकि उसकी कीमत केवल 5 सेंट है. हालांकि, अच्छी खबर यह है कि ‘डाइम’ (10 सेंट) और ‘क्वार्टर’ (25 सेंट) जैसे बड़े सिक्कों की लागत उनकी फेस वैल्यू से कम है, इसलिए ये घाटे का कारण नहीं हैं।

 

पेनी का उत्पादन बंद होने के बावजूद, अमेरिका में आज भी लगभग 300 अरब पेनी चलन में हैं, और ये कानूनी रूप से वैध मुद्रा बनी रहेंगी. हालांकि, जानकारों का मानना है कि खुदरा विक्रेताओं को अब कीमतों को निकटतम 5 सेंट (निकेल) तक राउंड ऑफ करना पड़ सकता है।

1 रुपए का सिक्का बनाने में आता है कितना खर्च?

यह हाल सिर्फ अमेरिका का नहीं है. भारत में भी सिक्कों की लागत अक्सर उनकी कीमत से ज़्यादा होती है. 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक RTI के जवाब में चौंकाने वाली जानकारी दी थी. उस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार को ₹1 का एक सिक्का बनाने में ₹1.11 खर्च करने पड़ते थे, यानी हर एक रुपए के सिक्के पर 11 पैसे का सीधा नुकसान. केवल ₹1 का सिक्का ही नहीं, बाकी सिक्कों की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है।

मलतब भारतीय मुद्रा प्रणाली में, ₹1 का सिक्का ही मुख्य रूप से घाटे का कारण बन रहा था, जबकि ₹2, ₹5 और ₹10 के सिक्के बनाना सरकार के लिए फायदे का सौदा था. ये सभी सिक्के मुंबई, हैदराबाद और अन्य शहरों में स्थित सरकारी टकसालों में बनाए जाते हैं. ₹1 का सिक्का स्टेनलेस स्टील का होता है, जो इसकी मजबूती और लंबे जीवन को सुनिश्चित करता है।

नोट छापना है फायदे का सौदा

सिक्कों की तुलना में नोट छापना सरकार के लिए कहीं अधिक फायदेमंद होता है. RBI के आंकड़ों के अनुसार, नोटों की छपाई पर आने वाला खर्च उनकी फेस वैल्यू के मुकाबले बहुत कम होता है।

₹500 का नोट: एक नोट छापने में करीब ₹2.29 का खर्च आता है।
₹200 का नोट: इसकी छपाई पर लगभग ₹2.37 का खर्च आता है।
₹100 का नोट: इसकी लागत लगभग ₹1.77 । ₹1 का सिक्का बनाने में लगते हैं ₹1.11… क्या सरकार बंद कर सकती है 1 रुपए का सिक्का?

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