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इज़राइल-ईरान युद्ध से भारत में हड़कंप! सोना, तेल और शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल

इज़राइल-ईरान युद्ध से भारत में हड़कंप! सोना, तेल और शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल

इज़राइल-ईरान युद्ध से भारत में हड़कंप! सोना, तेल और शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल। गुरुवार को एअर इंडिया प्लेन क्रैश के सदमें से देश उबरा भी नहीं था कि शु्क्रवार का दिन भी देश के लोगों के लिए किसी बुरे सपने की शुरुआत के जैसा शुरू हुआ।

इजराइल-ईरान वॉर की वजह से शेयर बाजार क्रैश कर गए. कच्चे तेल की कीमतें दो महीने के हाई पर पहुंच गईं. रुपए में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली और गोल्ड के दाम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचकर देश के आम लोगों की उम्मीदों को धराशाई कर दिया।

बीते कुछ समय से सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी और सोने के दाम एक लाख रुपए के लेवल से 5 से 7 रुपए नीचे थे. जिसकी वजह से देश की महिलाएं राहत की सांस ले रही थीं. वहीं दूसरी ओर दुनियाभर के इकोनॉमिस्ट कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की उम्मीद कर रहे थे. उसका कारण भी था, अमेरिका के साथ ओपेक देशों ने भी कच्चे तेल के प्रोडक्शन में इजाफा करने की बात कही थी. इसके अलावा शेयर बाजार में फिर से रौनक देखने को मिल रही थी. मार्च की शुरुआत से लेकर 12 जून तक सेंसेक्स ने निवेशकों को 13 फीसदी का रिटर्न दे दिया था. वहीं रुपए में भी लगातार तेजी मामूली ही सही देखने को मिल रही थी।

अब ईरान पर इजराइल के सुबह-सुबह मिसाइल हमले ने इस पूरी पिक्चर को बदलकर रख दिया. वेस्टर्न कल्चर में अशुभ माने जाने वाले शुक्रवार 13 तारीख ने एक बार फिर से अपना रंग दिखा दिया. अगर इसे एक बार फिर से बाजार का ब्लैक फ्राइडे कहा जाए तो गलत नहीं होगा. जहां शेयर बाजार में सुबह के वक्त 1300 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखी. वहीं निफ्टी भी सुबह 415.2 अंकों की गिरावट के साथ कारोबाार कर रहा था।

वहीं दूसरी ओर ईरान में बमबारी होने की वजह से पूरे मिडिल ईस्ट में तनाव फैल गया. जिसका असर कच्चे तेल की कीमतों में देखने को मिला. खाड़ी देशों का कच्चल तेल ब्रेंट क्रूड ऑयल दो महीने के हाई पर पहुंच. इसके अलावा देश में गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से निवेशकों ने सेफ हैवन गोल्ड की ओर जाना जरूरी समझा. भारत में गोल्ड के दाम एक बार फिर से एक लाख रुपए के पार ही नहीं पहुंचे, बल्कि रिकॉर्ड लेवल पर भी आ गए. वहीं करेंसी मार्केट में रुपए को भी मोटा नुकसान हुआ है और एक बर फिर से 86 के लेवल को पार कर गया है. आइए इन चारों मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

दो महीने के हाई पर कच्चा तेल

ईरान इजराइल वॉर के बीच कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. मिडिल ईस्ट में टेंशन और ऑयल सप्लाई डिस्टर्बेंस की उम्मीदों के कारण ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में 13 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला जिसके बाद दाम 78.50 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए. जो कि दो महीने का हाई लेवल है. ये उन देशों के बड़ा झटका है जो कच्चे तेल के लिए इंपोर्ट पर डिपेंड हैं. भारत अपनी जरुरत का 85 फीसदी कच्चा तेल इंपोर्ट करता है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी क्रूड ऑयल डब्ल्यूटीआई में करीब 12 फीसदी की तेजी देखने को मिली है जिसके बाद दाम 77.58 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे।

जबकि एक दिन पहले अमेरिकी तेल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे थे. खास बात तो ये है कि जून के महीने में अमेरिकी ऑयल के दाम में करीब 28 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है, जबकि खाड़ी देशों का कच्चा तेल करीब 23 फीसदी तक महंगा हो चुका है. जेपी मॉर्गन के जानकारों का मानना है कि सबसे खराब स्थिति में तेल की कीमत 120 डॉलर तक बढ़ सकती है. बैंक ने कहा कि ईरान पर हमला तेल की कीमतों को 120 डॉलर तक बढ़ा सकता है, जिससे अमेरिकी महंगाई 5 फीसदी तक बढ़ सकता है।

रिकॉर्ड लेवल पर गोल्ड के दाम

वहीं दूसरी ओर भारत के साथ साथ इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की कीमतों में अच्छी तेजी देखने को मिली है. जियो पॉलिटिकल टेंशन की वजह से सोने के दाम में उछाल आया है. देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोने की कीमत 1,00,403 रुपए प्रति दस ग्राम के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. खास बात तो ये है कि एमसीएक्स पर गोल्ड की कीमत में 2,011 रुपए का उछाल देखने को मिला. जबकि एक दिन पहले सोने की कीमत 98,392 रुपए प्रति दस ग्राम पर थी. खास बात तो ये है कि जून के महीने में गोल्ड की कीमत में 4,528 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है।

वहीं दूसरी ओर विदेशी बाजारों की बात करें तो गोल्ड की कीमतों अच्छी तेजी देखने को मिली है. आंकड़ों के अनुसार न्यूयॉर्क के वायदा बाजार कॉमेक्स मार्केट में गोल्ड की कीमत एक फीसदी से ज्यादा की तेज के साथ 3,437.80 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड के दाम 3,466.75 डॉलर प्रति ओंस के साथ दिन के हाई पर पहुंच गए थे. वहीं ओर गोल्ड स्पॉट के दाम में करीक एक फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है और दाम 3,416.39 डॉलर पर ट्रेड कर रहे थे. जबकि कारोबारी सत्र के दौरान गोल्ड स्पॉट के दाम 3,444.53 डॉलर प्रति ओंस पर पहुंच गए थे।

शेयर बाजार हुआ धड़ाम

वहीं दूसरी ओर शेयर बाजार में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर भले ही 550 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा हो, लेकिन कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स 1,337.39 अंकों पर टूट गया था और 80,354.59 अंकों पर ट्रेड कर रहा था. खास बात तो ये है कि मार्च की शुरुआत से लेकर 12 जून तक सेंसेक्स ने निवेशकों को करीब 13 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 415.2 अंकों की ​बड़ी गिरावट देखने को मिली और कारोबारी सत्र में निफ्टी 24,473 अंकों के साथ दिन के लोअर लेवल पर आ गया. जबकि दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर निफ्टी 160 अंकों की गिरावट के साथ 24,730.75 अंकों पर कारोबार कर रहा था।

जियोजित इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार के अनुसार कभी-कभी बुरी खबरें बाढ़ की तरह आती हैं. अहमदाबाद हवाई त्रासदी के ठीक बाद ईरान पर इजरायल के हमले की खबर आई है. अगर ईरान द्वारा हमला और जवाबी हमला लंबे समय तक जारी रहता है तो इस इजरायली हमले के आर्थिक परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं. इजरायल ने घोषणा की है कि यह अभियान कई दिनों तक चलेगा. उन्होंने कहा कि बाजार पर प्रभाव इस बात पर निर्भर करेगा कि संघर्ष कितने समय तक चलता है. एविएशन, पेंट, एडहेसिव और टायर जैसे ऑयल डेरिवेटिव का यूज करने वाले सेक्टर्स को कड़ी मार झेलनी पड़ेगी. ONGC और ऑयल इंडिया जैसे तेल उत्पादक लचीले बने रहेंगे. निफ्टी को 24500 के स्तर पर मजबूत समर्थन मिलने की संभावना है।

दबाव में बॉन्ड बाजार

कच्चे तेल की कीमतों की वजह से शुक्रवार को भारतीय सरकारी बॉन्ड की यील्ड पांच हफ्ते हाई पर पहुंच गई. वीकली डेट नीलामी से पहले सावधानी ने सेंटीमेंट्स को कमजोर किया है. भारत कच्चे तेल का एक प्रमुख आयातक है और उच्च कीमतें महंगाई को बढ़ा सकती हैं. अमेरिका-चीन ट्रेड टॉक के आसपास की अनिश्चितता, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दो सप्ताह के भीतर एकतरफा टैरिफ लगाने की धमकी से और बढ़ गई है, जिससे निवेशकों को पारंपरिक सेफ-हेवन असेट्स की ओर और अधिक धक्का लगा है।

रुपए में बड़ी गिरावट

रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में 56 पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 86.08 पर आ गया. इज़राइल के ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के बाद पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच वैश्विक तेल कीमतों में तेजी और डॉलर के मजबूत होने का असर घरेलू मुद्रा पर दिखा. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि घरेलू शेयर बाजारों की कमजोर शुरुआत और विदेशी पूंजी की भारी निकासी से भी स्थानीय मुद्रा में गिरावट आई. इंटरबैंक फॉरेन करेंसी एक्सचेंज मार्केट में रुपया, डॉलर के मुकाबले 86.25 पर खुला. फिर 86.08 प्रति डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 56 पैसे की गिरावट दर्शाता है. रुपया गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.52 पर बंद हुआ था. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 98.22 पर रहा।

इज़राइल-ईरान युद्ध से भारत में हड़कंप! सोना, तेल और शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल
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