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ईरान में तबाही का मंजर! मिसाइलों के बीच हॉस्टल में छिपकर बैठे थे भारतीय छात्र

ईरान में तबाही का मंजर! मिसाइलों के बीच हॉस्टल में छिपकर बैठे थे भारतीय छात्र

ईरान में तबाही का मंजर! मिसाइलों के बीच हॉस्टल में छिपकर बैठे थे भारतीय छात्र। ईरान और इजरायल के बीच हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ‘ऑपरेशन सिंधु’ की शुरुआत की. इस ऑपरेशन के तहत सरकार ने ईरान में फंसे भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया है।

ईरान में तबाही का मंजर! मिसाइलों के बीच हॉस्टल में छिपकर बैठे थे भारतीय छात्र
ईरान में तबाही का मंजर! मिसाइलों के बीच हॉस्टल में छिपकर बैठे थे भारतीय छात्र

 

ईरान में तबाही का मंजर! मिसाइलों के बीच हॉस्टल में छिपकर बैठे थे भारतीय छात्र

भारत सरकार की तरफ से 110 भारतीय छात्रों को ईरान से निकालकर पहले आर्मेनिया पहुंचाया गया. वहां से गुरुवार की सुबह ये छात्र दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे. सभी छात्र दिल्ली पहुंचने के बाद काफी खुश नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने उनका साथ दिया इसलिए आज वह वापस अपने घर आ पाए हैं. ईरान से आए छात्रों ने बताया की ईरान की राजधानी तेहरान में हालात बहुत नाजुक हैं

मिसाइल देखकर डर जाते थे हम’

कश्मीर के रहने वाले एक छात्र जो उर्मिया विश्वविद्यालय में MBBS के छात्र थे, उन्होंने ईरान की स्थिति को बयां करते हुए कहा कि हमने ड्रोन और मिसाइल देखीं. मिसाइलों को देखकर हम डर गए थे. उसने कहा कि हम भारत लौटकर खुश हैं और भारत सरकार, खासकर विदेश मंत्रालय के बहुत शुक्रगुजार हैं. हमारे माता-पिता भी चिंतित थे, लेकिन अब वे खुश हैं. एक अन्य छात्र ने कहा कि मुझे खुशी है कि मैं अपने देश वापस आ गया हूं. उसने बताया कि हालांकि उर्मिया में हालात अभी भी ठीक है. लेकिन ईरान के अन्य स्थानों पर स्थिति खराब थी. भारत सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार ने हमारी बहुत मदद की, यही वजह है कि हम घर वापस आ गए हैं।

शब्दों में बयां नहीं कर सकता खुशी’

ईरान से अपने घर वापस लौटे छात्र अमान अजहर ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं. उन्होंने कहा कि मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि मैं अपने परिवार से मिलकर कितना खुश हूं. उन्होंने कहा कि ईरान में हालात बहुत खराब हैं. वहां के लोग भी हमारे जैसे ही हैं. इसके आगे उन्होंने कहा कि युद्ध अच्छी चीज नहीं हैं. युद्ध की वजह से छोटे-छोटे बच्चे तकलीफ़ में जी रहे हैं. युद्ध मानवता को खत्म कर देता है.

भारतीय दूतावास ने नहीं होने दी कोई तकलीफ’

ईरान से निकाली गई छात्रा मरियम रोज कहती हैं कि भारतीय दूतावास ने हमारे लिए पहले से ही सब कुछ तैयार कर रखा था. जिसकी वजह से हमें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा कि हम तीन दिनों से यात्रा कर रहे हैं, इसलिए हम थके हुए हैं. ईरान की स्थिति पर बात करते हुए मरियम ने कहा कि जब हम वहां से निकले थे, तब उर्मिया में स्थिति इतनी खराब नहीं थी. एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जिस हॉस्टल में मैं रहती थी उसके ऊपर से जब मिसाइल निकलती तो हॉस्टल की खिड़कियां हिल जाती थी. उन्होंने कहा कि वापस अपने देश लौटकर काफी खुश हूं।

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