नौतपा की तपिश में वन्यजीवों के लिए संकट,वन विभाग ने उठाया बड़ा कदम जंगलों में बनाई पानी की होद

नौतपा की तपिश में वन्यजीवों के लिए संकट,वन विभाग ने उठाया बड़ा कदम जंगलों में बनाई पानी की हो
कटनी- बरही से लगे बांधवगढ़ नेशनल पार्क का जंगली इलाका और ढीमरखेड़ा क्षेत्र के घने जंगलों में इन दिनों नौतपा की भीषण गर्मी का असर साफ देखने को मिल रहा है। पानी की तलाश में जंगली जानवरों का गांवों की ओर रुख करना अब आम हो गया है। ये स्थिति वन्यजीवों और ग्रामीणों—दोनों के लिए खतरे का कारण बन रही है।पानी की तलाश में जानवर जंगल से निकल कर गांवों तक आ रहे हैं, जिससे कई बार कुत्तों के हमले में हिरण और नीलगाय जैसे प्राणी घायल हो जाते हैं या अपनी जान तक गंवा बैठते हैं। वहीं, तेंदुआ और भालू जैसे खतरनाक शिकारी जानवर भी आबादी वाले इलाकों में पहुंच रहे हैं, जिससे ग्रामीणों की सुरक्षा पर भी बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इन हालातों को देखते हुए कटनी वन विभाग ने सराहनीय पहल करते हुए जंगलों में बनाए गए जल हौदों को टैंकरों के माध्यम से पानी से भरवाने की व्यवस्था शुरू कर दी है।
कटनी जिले के वन अधिकारी नवी अहमद ने बताया कि कटनी जिले के सभी जंगल में ऐसे क्षेत्रों की पहचान की गई है जहां गर्मी में प्राकृतिक जलस्रोत सूख जाते हैं, और जानवरों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। वन विभाग का लक्ष्य है कि जंगली जानवर जंगल में ही रहकर पानी की पूर्ति कर सकें, जिससे उनका रिहायशी इलाकों में प्रवेश रोका जा सके। इससे वन्य जीवों की सुरक्षा तो सुनिश्चित होगी ही, साथ ही ग्रामीणों को भी संभावित हमलों से राहत मिलेगी। वन विभाग के अधिकार ने बताया कि जिले के वन अमले ने जिले भर के ऐसे जंगलों को चिन्हित किया है जहां गर्मी के कारण पानी की सबसे ज्यादा किल्लत रहती है। इन जगहों पर जल हौद पहले से बनाए गए हैं, जिन्हें अब नियमित रूप से टैंकरों से भरवाया जा रहा है ताकि वन्य प्राणी जंगल से बाहर न निकलें।..बात सिर्फ वन्य जीवों की नहीं, बल्कि इंसानों की सुरक्षा की भी है। ऐसी परिस्थिति में वन विभाग का यह कदम जंगल और इंसान के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।