
पश्चिम बंगाल: यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बना अवैध बांग्लादेशी, आधार-वोटर कार्ड से देता रहा चकमाए
पश्चिम बंगाल की नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी में एक अवैध बांग्लादेशी प्रोफेसर बन कर पढ़ा रहा था. उसने इलाके में अपना घर भी खरीदा था. साथ ही उसके पास आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड सभी कुछ मौजूद था. प्रोफेसर बांग्लादेशी नागरिक है यह जानकारी सामने आने के बाद बीजेपी विधायक शंकर घोष ने कहा, बंगाल घुसपैठियों को भारतीय बनाने का कारखाना है.
पश्चिम बंगाल: यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बना अवैध बांग्लादेशी, आधार-वोटर कार्ड से देता रहा चकमा
पश्चिम बंगाल में अवैध रूप से रह रहा था बांग्लादेशी
भारत लगातार बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहा है. इसी बीच पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में एक बांग्लादेशी घुसपैठिए का पर्दाफाश हुआ है. एक बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से न सिर्फ भारत में दाखिल हुआ बल्कि यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था.
नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी में मास कम्युनिकेशन के गेस्ट फैकल्टी के रूप में शांतो भौमिक पढ़ा रहा था. शांतो बांग्लादेशी है और वो अवैध रूप से भारत में दाखिल हुआ था. शांतो ने इलाके में एक फ्लैट खरीदा था और परिवार भी बसाने की सोच रहा था. बाद में पता चला कि वो बांग्लादेशी है. उसके खिलाफ अवैध तरीके से देश में दाखिल होने के आरोप हैं.
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुरू की जांच
शिकायत मिलने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. हालांकि, इस खबर के सामने आने के बाद शांतो ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को ईमेल भेजा है. ईमेल भेजकर शांतो ने यूनिवर्सिटी को इस बात की जानकारी दी है कि अब वो काम नहीं करेगा और वो बांग्लादेश वापस जा रहा है.
घुसपैठिए ने यूनिवर्सिटी को लिखा ईमेल
नॉर्थ बंगाल यूनिवर्सिटी के ज्वाइंट रजिस्ट्रार स्वप्न रक्षित ने कहा, हमने पुलिस को सूचित कर दिया है. शांतो वो अवैध रूप से एक विभाग में काम कर रहा था. उसे 48 घंटे का समय दिया गया था. हालांकि, नोटिस दिए जाने के बाद वो यूनिवर्सिटी में वापस नहीं आया. बल्कि उसने एक ईमेल भेजा, जिसमें बताया कि वो अब काम नहीं करेगा और बांग्लादेश जा रहा है.
वोटर-आधार कार्ड भी थे मौजूद
शांतो ने सिलीगुड़ी के लेक टाउन में एक घर खरीदा था. शांतो भौमिक को इलाके में शान भौमिक के नाम से भी जाना जाता है. एक पड़ोसी ने बताया, हम उन्हें शान भौमिक के नाम से जानते हैं. उनके पास सारे वोटर, पैन, आधार कार्ड हैं. हालांकि, पता चला है कि शांतो ने कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर फ्लैट लिया था, उसका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं था. फिर, वार्ड सचिव सौमित्र घोष ने कहा, हमें सायन भौमिक नाम दिया गया था. शांतो भौमिक नाम का कोई रिकॉर्ड नहीं है.
“बंगाल घुसपैठियों को भारतीय बनाने का कारखाना”
लेकटाउन इलाके के पार्षद और सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देब ने कहा कि शांतो बांग्लादेशी नागरिक है. लेकिन उसे आधार-वोटर कार्ड कैसे मिला? यह सवाल भी उठा है. उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मामले की शिकायत पुलिस से करेंगे. गौतम देब ने कहा, मुझे पहले इस बारे में पता नहीं था. मैं सीपी से बात करूंगा. ये केंद्र सरकार के देखने के लिए मामले हैं. मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा. इस बीच, इस घटना के सामने आने के बाद से शांतो गायब है. उसके सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए गए हैं. उसका फोन भी बंद कर दिया गया है.
बीजेपी विधायक शंकर घोष ने कहा, उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए हैं, विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षक बन गए हैं. क्या वह सिर्फ घुसपैठिए हैं? बंगाल घुसपैठियों को भारतीय बनाने का कारखाना है.