#HormuzStrait: बंद हुआ तो थम जाएगी दुनिया की तेल सप्लाई?
#HormuzStrait: बंद हुआ तो थम जाएगी दुनिया की तेल सप्लाई?

#HormuzStrait: बंद हुआ तो थम जाएगी दुनिया की तेल सप्लाई?। दुनिया के सबसे संवेदनशील समुद्री मार्गों में से एक, 167 किमी लंबा होर्मुज स्ट्रेट, एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में है। यह जलडमरूमध्य ईरान, ओमान, UAE, सऊदी अरब और बहरीन जैसे देशों को जोड़ता है और वैश्विक तेल का लगभग 20% यहीं से होकर गुजरता है।
ईरान की चेतावनी कि वह इस स्ट्रेट को बंद कर सकता है, ने अमेरिका और चीन समेत कई देशों की चिंता बढ़ा दी है। अगर यह मार्ग बंद होता है, तो तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं और दुनिया भर में सप्लाई चेन पर असर पड़ सकता है।विशेषज्ञों का मानना है कि होर्मुज स्ट्रेट पर संकट किसी भी वक्त वैश्विक आर्थिक भूचाल ला सकता है।
ईरान-इजराइल युद्ध से दुनिया को डर सताने लग गया है कि कहीं तीसरा विश्व युद्ध तो शुरू नहीं होने जा रहा है. मिसाइलें एक-दूसरे के ऊपर लॉन्च हो रही हैं… बम बरसाए जा रहे हैं… तबाही ही तबाही दिखाई दे रही है… लेकिन, धधकी आग शांत नहीं होती दिख रही है. अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु प्लांट्स पर किए गए हमले के बाद से ईरान पीछे हटने को तैयार नहीं है. अब उसकी संसद ने होर्मुज स्ट्रेट (जलडमरूमध्य) को बंद करने को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद दुनिया के कई देश टेंशन में आ गए हैं।
जिस अमेरिका ने ईरान पर बम बरसाए हैं वह अब उसके इस कदम को इकोनॉमिक सुसाइड बता रहा है. यूएस का मानना है कि होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने के फैसले से ईरान-इजराइल युद्ध और भड़क सकता है क्योंकि समुद्र का यही वो इलाका है जहां से दुनियाभर में तेल और गैस का लगभग 30 प्रतिशत हिस्सा ढोया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि ये होर्मुज स्ट्रेट कितना महत्वपूर्ण है और इसका भारत समेत दुनिया में कितना असर पड़ेगा, साथ ही साथ ये लंबा और चौड़ा है….
क्या है होर्मुज स्ट्रेट?
सबसे पहले बात करते हैं कि जिस होर्मुज स्ट्रेट के चर्चा आज दुनिया कर रही है वो क्या है, क्या इसके बंद हो जाने से कच्चे तेल का संकट गहरा सकता है? दरअसल, ये दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण ऑयल चोक पॉइंट है. ये अमेरिका से लेकर तमाम देशों के लिए भू-रणनीतिक रूप से बेहद जरूरी है क्योंकि ग्लोबल इकोनॉमी की ताकत कच्चा तेल भी है, जिसे इस संकरे समुद्री इलाके से शिप के जरिए टैंकरों से लाया जाता है. होर्मुज स्ट्रेट ओमान और ईरान के बीच स्थित है. ये उत्तर में फारस की खाड़ी और दक्षिण में ओमान की खाड़ी और आगे अरब सागर को जोड़ता है. ये अपने सबसे संकरे बिंदु पर 33 किमी चौड़ा है और लगभग 167 किमी लंबा, जबकि शिपिंग लेन सिर्फ 3 किमी चौड़ी है।

होर्मुज स्ट्रेट क्यों है जरूरी?
दुनिया में जितनी भी तेल खपत है उसमें से लगभग पांचवां हिस्सा इसी रूट से सप्लाई होता है. एक डेटा के मुताबिक, ये जलमार्ग वैश्विक तेल और गैस सप्लाई की जीवन रेखा है. यहां से दुनिया में 30 फीसदी तेल सप्लाई किया जाता है. लगभग रोजाना 2.03 करोड़ बैरल तेल की सप्लाई होती. साथ रोजाना 29 करोड़ क्यूबिक मीटर LNG की सप्लाई की जाती है. पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के सदस्य सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत और इराक अपने अधिकांश कच्चे तेल का निर्यात इसी रूट के माध्यम से करते हैं. इसमें खासकर एशिया शामिल है।
उदाहरण के तौर पर समझा जाए तो मान लीजिए कि खाड़ी देशों के तेल से भरे शिप भारत, चीन या यूरोप जा रहे हैं, तो वे सबसे पहले फारस की खाड़ी से निकलेंगे. इसके बार होर्मुज स्ट्रेट एंट्री लेते हुए इसे पार करेंगे. जैसे ही होर्मुज स्ट्रेट को पार करेंगे वैसे ही ओमान की खाड़ी में पहुंचेंगे और वहां से अरब सागर में दाखिल हो जाएंगे, फिर वे दुनिया के अन्य हिस्सों के लिए रवाना हो जाएंगे।
होर्मुज स्ट्रेट बंद हुआ तो क्या होगा?
ईरान अगर होर्मुज स्ट्रेट को बंद करता है तो अमेरिका को तगड़ी आर्थिक चोट पहुंचेगी क्योंकि इससे अमेरिका और दुनिया भर में महंगाई बढ़ेगी. इसकी वजह तेल की कीमतों में उछाल होगा. इसके बंद होने से चीन को काफी नुकसान होगा. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ईरान के लगभग 90 फीसदी तेल निर्यात को खरीदती है।

भारत के लिए कितना जरूरी है होर्मुज स्ट्रेट?
होर्मुज स्ट्रेट भारत के लिए भी बेहद जरूरी है. इस रूट के जरिए भारत में भारी मात्रा में तेल पहुंचता है. दरअसल, भारत में रोजाना 5.5 मिलियन बैरल तेल की खपत होती है, जिसमें से 1.5 मिलियन बैरल तेल इसी रूट के जरिए भारत तक पहुंचता है. अगर ये रूट बंद होता है तो भारत के लिए भी संकट खड़ा हो सकता है. इराक, सऊदी अरब, यूएई, कुवैत जैसे देशों से भारत तेल आयात करता है. साल 2024 और 2025 में भारत ने ईरान को 1.24 अरब डॉलर का माल का निर्यात किया है, जबकि ईरान से 44.19 करोड़ डॉलर का माल आयात किया है।
हालांकि इस रूट के बंद होने को लेकर भारत की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी का कहना है भारत घरेलू ईंधन सप्लाई की सुरक्षा के लिए कदम उठाएगा. पुरी ने कहा, ‘हम पिछले दो सप्ताह से मध्य पूर्व में विकसित हो रही भू-राजनीतिक स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. हम पिछले कुछ सालों में अपनी सप्लाई में विविधता लाए हैं और अब हमारी आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज स्ट्रेट से नहीं आता है. हमारी तेल मार्केटिंग कंपनियों के पास कई सप्ताह की सप्लाई है और उन्हें कई मार्गों से ऊर्जा सप्लाई प्राप्त होती रहती है. हम अपने नागरिकों को ईंधन की सप्लाई की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
ईरान ने होर्मुज स्ट्रेट के बारे में क्या कहा?
ईरान के प्रेस टीवी ने बताया कि ईरानी संसद ने होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने के उपाय को मंजूरी दे दी है, लेकिन अंततः यह निर्णय ईरान के शीर्ष नेताओं पर निर्भर करेगा. ईरान के विदेश मंत्री सईद अब्बास अरागची ने संकेत दिया कि यह एक खुला प्रतिशोध हो सकता है. उन्होंने कहा कि ईरान पर बमबारी करने के ट्रंप का फैसला हमेशा के लिए परिणाम भुगतने वाला होगा।