निवेशकों के लिए टिप्स: कैसे छांटें भीड़ में से बेस्ट रिटर्न देने वाले स्टॉक्स
निवेशकों के लिए टिप्स: कैसे छांटें भीड़ में से बेस्ट रिटर्न देने वाले स्टॉक्स

निवेशकों के लिए टिप्स: कैसे छांटें भीड़ में से बेस्ट रिटर्न देने वाले स्टॉक्स। शेयर बाजार में लोग निवेश अपने-अपने तरीके से करते हैं. कोई पेनी स्टॉक या फिर मल्टीबैगर स्टॉक को खोज कर उसमें निवेश करता है
ऐसे में मोतीलाल फाइनेंशियल सर्विसेज के को- फाउंडर रामदेव अग्रवाल ने ईटी से बातचीत के दौरान बताया कि आप कैसे शेयर की भीड़ में मल्टीबैगर स्टॉक की पहचान करें. चलिए आपको बताते हैं।
रामदेव अग्रवाल का मानना है कि मल्टीबैगर स्टॉक को ढूंढना आसान है लेकिन इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. एक्सपर्ट ने कहा कि कंपाउंडिंग को कोई नहीं समझता है. IIT क्लास में भी शायद कोई समझें. अगर आपको मल्टीबैगर स्टॉक चाहिए तो इसके दो तरीके है. पहली शुरुआती दौर में मिलने वाली मदद और अच्छा मैनेजमेंट. जब अच्छा मैनेजमेंट है और मदद दोनों साथ हों और ये शुरुआती दौर में हों तो आप मल्टीबैगर फॉर्मूला फिट बैठता है. चलिए आपको एक उदाहरण के तौर पर बताते हैं।
ऐसे पहचानें असली मल्टीबैगर स्टॉक
25 प्रतिशत का सालाना रिटर्न 10 साल में आपकी संपत्ति तक को दस गुना कर देता है.वहीं, 35 प्रतिशत पर ये 20 गुना हो जाता है और 45 प्रतिशत पर रिटर्न 40 गुना हो जाता है. इसलिए निवेशकों को इस बात को समझना चाहिए. ये सिर्फ एक थ्योरी ही नहीं बल्कि निवेश के लिए विश्वास भी है. इसपर एक्सपर्ट ने बताया कि अगर कोई स्टॉक 10 साल में 40 गुना बढ़ सकता है तो उसे पहले से ही ज्यादा कीमत देना सही है. भले ही P/E रेशियो 100 हो.
इंडेक्स वैल्यूएशन
इसपर एक्सपर्ट ने समझाया कि आप इंडेक्स वैल्यूएशन को देखकर अगर आप शुरू करते हैं तो वैल्यूएशन हमेशा तुलनात्मक और गतिशील ही होती है. ये रियल एस्टेट की तरह है. नए बिल्डिंग की वैल्यू पुराने बिल्डिंग की वैल्यू दोनों में अंतर होता है. वैसे ही मार्केट की कीमतें हर दिन, हर घंटे नई जानकारी और भावनाओं के बेस्ड पर बदलती रहती है. इसलिए लोगों को ये समझने की जरूरत है कि मार्केट का अनुशासन कितना काम करता है. रिटेल निवेशक थोड़े समय के लिए कीमतों को खराब कर सकते हैं. लेकिन लंबे समय में फंडामेंटल ही मायने रखता है. बता दें, शेयर मार्केट में रिटेल क्रांति ने ही बदलाव किया है.
2020 में सिर्फ 2 करोड़ डिमैट अकाउंट थे
2020 में सिर्फ 2 करोड़ डिमैट अकाउंट थे जो आज बढ़कर 20 करोड़ हो गए हैं. लेकिन अभी के समय में कंट्रोल 1 करोड़ गंभीर निवेशकों के हाथ में है. वो मार्केट का कुल 90 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं. इसलिए नए लोग उतार-चढ़ाव पैदा कर सकते हैं लेकिन लंबे टाइम के लिए दिशा नहीं तय कर सकते हैं.