
गृह मंत्री अमित शाह ने लॉन्च किए तीन नए टेक प्लेटफॉर्म, आपदा प्रबंधन में आएगी क्रांतिकारी तेजी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज आपदा प्रबंधन को तेज और सटीक बनाने के लिए तीन तकनीकी प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया, जिनमें रियल टाइम डाटा और सैटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा कि अब फोकस राहत से आगे बढ़कर ‘शून्य जनहानि’ और पर्यावरण संरक्षण की समग्र नीति पर है।
गृह मंत्री अमित शाह ने लॉन्च किए तीन नए टेक प्लेटफॉर्म, आपदा प्रबंधन में आएगी क्रांतिकारी तेजी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को देश की आपदा प्रबंधन एजेंसियों की काम करने की गति और सटीकता बढ़ाने के लिए तीन बड़े तकनीकी मंचों (प्लेटफॉर्म) का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में राहत आयुक्त, आपदा प्रबंधन सचिव और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बलों के अधिकारी शामिल हुए।
शाह ने ‘इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम फॉर इमरजेंसी रिस्पॉन्स’ (आईसीआर-ईआर), ‘नेशनल डाटाबेस फॉर इमरजेंसी मैनेजमेंट लाइट 2.0’ (एनडीईएम लाइट 2.0) और ‘फ्लड हैजर्ड जोनेशन एटलस ऑफ असम’ का शुभारंभ किया। गृह मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ये तीनों प्लेटफॉर्म हमारे आपदा प्रबंधन तंत्र को नई तकनीकों और सटीकता से लैस करेंगे।
उन्होंने कहा कि आईसीआर-ईआर देशभर में किसी भी आपदा के समय रियल टाइम में सैटेलाइट डाटा बचाव एजेंसियों तक पहुंचाएगा, जिससे प्रतिक्रिया त्वरित होगी। एनडीईएम लाइट 2.0 देश के कोने-कोने में मौजूद हमारी आपदा प्रतिक्रिया टीमों को एकजुट होकर तेजी से काम करने की क्षमता देगा। असम के लिए जिस एटलस का शुभारंभ किया गया है, वह बाढ़ नियंत्रण एजेंसियों को बाढ़ से निपटने के काम में मदद करेगा। इसमें बाढ़ से जुड़ा रियल टाइम डाटा, उसका असर और नदियों के जलस्तर की जानकारी शामिल होगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने लॉन्च किए तीन नए टेक प्लेटफॉर्म, आपदा प्रबंधन में आएगी क्रांतिकारी तेजी
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह सैटेलाइट आधारित एटलस राज्य में बाढ़ के पैटर्न का विश्लेषण करेगा और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थिति नियंत्रित करने, बाढ़-प्रतिरोधी कृषि को बढ़ावा देने, फसल बीमा योजनाओं में मदद देने और आपदा प्रबंधन योजनाएं बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि वह इस जरूरी एटलस के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के आभारी हैं, जो बाढ़ की समस्याओं को कम करने में लंबा रास्ता तय करेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से पूरी दुनिया आपदाओं का सामना कर रही है, इसलिए पर्यावरण संरक्षण को केंद्र में रखकर आगे बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हम सबको न केवल आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना है, बल्कि उनके मूल कारणों को भी समझना और दूर करना होगा।
गृह मंत्री ने कहा कि देश की आपदा से निपटने की क्षमता अब तहसील स्तर तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अब हमारी प्रतिक्रिया में गति आई है, क्योंकि आपदा के समय जान बचाना सबसे अहम होता है। शाह ने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक और आपदा प्रतिक्रिया बलों की तैयारी से अब काम में दक्षता भी बढ़ गई है। साथ ही, सटीक भविष्यवाणी और समय से पहले चेतावनी देने की प्रणाली से समाज को जागरूक किया गया है और लोगों को राहत व बचाव कार्यों में सफलतापूर्वक जोड़ा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि (नरेंद्र) मोदी सरकार के कार्यकाल में आपदा प्रबंधन के तरीके में एक बड़ा बदलाव आया है। पहले यह प्रणाली केवल राहत केंद्रित होती थी, लेकिन अब इसका लक्ष्य ‘शून्य जनहानि’ हो गया है और पूरा फोकस एक समग्र और एकीकृत नीति की ओर बढ़ा है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि भविष्य की आपदाओं का पूर्वानुमान लगाने, उन्नत रिसर्च करने, दुनिया भर के अनुभवों को एकत्र करके भारत की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार उन्हें अपनाने की जरूरत है।