Fatty Liver: थकान, पीलिया और लिवर डैमेज- जानें कैसे एक ड्रिंक रोजाना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है!
Fatty Liver: थकान, पीलिया और लिवर डैमेज- जानें कैसे एक ड्रिंक रोजाना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है!

Fatty Liver Symptoms: Fatty Liver: थकान, पीलिया और लिवर डैमेज- जानें कैसे एक ड्रिंक रोजाना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है!। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और खानपान में सोडा कई लोगों की रोजमर्रा की डाइट का हिस्सा बन गया है। ऑफिस लंच से लेकर शाम के स्नैक्स तक, लोग इसे आदत या लत की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं। सोडा पीने से लिवर डैमेज, फाइब्रोसिस और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। समय रहते आदत बदलना जरूरी है।
Fatty Liver: थकान, पीलिया और लिवर डैमेज- जानें कैसे एक ड्रिंक रोजाना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है!
डिजिटल डेस्क: बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों ने सेहत पर गहरा असर डाला है। कई लोग फैटी लीवर की समस्या की परेशान हैं। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और खानपान में सोडा कई लोगों की रोजमर्रा की डाइट का हिस्सा बन गया है। ऑफिस लंच से लेकर शाम के स्नैक्स तक, लोग इसे आदत या लत की तरह इस्तेमाल करने लगे हैं। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. विवियन असामोआ ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में बताया कि दिन में सिर्फ एक सोडा भी फैटी लिवर (Fatty Liver Symptoms) के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
सोडा क्यों है खतरनाक?
डॉ. विवियन कहती हैं कि मीठे सोडा का नियमित सेवन धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता है। दिक्कत यह है कि लिवर की बीमारी शुरुआती चरणों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं देती। जब तक लक्षण दिखते हैं, तब तक काफी नुकसान हो चुका होता है।
सोडा से जुड़ी बीमारियां
वर्ल्ड जर्नल ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 5-7 साल तक रोजाना सोडा पीने से निम्न समस्याएं हो सकती हैं:
फैटी लिवर डिजीज (MASLD)
- लिवर फाइब्रोसिस (स्कारिंग)
- सूजन और लिवर डैमेज
- फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण
- लगातार थकान और कमजोरी
- पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द
- बिना वजह वजन घटना
- गंभीर स्थिति के लक्षण
- पीलिया (आंख और त्वचा पीली पड़ना)
- पेट में सूजन
- खून की उल्टी
- नींद आना और गहरी थकान
- गहरे रंग का यूरिन
- स्किन में खुजली
कैसे करें लिवर की सुरक्षा?
डॉक्टर ने बताया कि फैटी लिवर केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं, बल्कि युवाओं में भी तेजी से फैल रही है। इसलिए जरूरी है कि छोटे-छोटे बदलाव अपनाए जाएं।
सोडा छोड़ें और पानी, स्पार्कलिंग वॉटर या बिना चीनी वाली चाय पिएं।
संतुलित आहार और नियमित व्यायाम करें।
मीठे पेय और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
इन छोटे बदलावों से लिवर ही नहीं, संपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है और फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।