Farm Bill 2020 Protest: 24 सितंबर से किसान संगठनों का रेल रोको आंदोलन

Farmers Bill 2020 Protest: किसानों के लिए लाए गए मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक तथा कृषि उत्पाद व्यापार और वाणिज्य विधेयक को लेकर विरोध जारी है। किसान संगठनों ने अब 24 सितंबर से रेल रोको अभियान चलने की बात कही है। यह अभियान तीन दिन तक चलेगा।
इससे पहले बिल के विरोध में मंत्री पद छोड़ने वालीं अकाली देल की हरसिमरत कौर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। उनके स्थान पर नरेंद्र सिंह तोमर को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
इससे पहले लोकसभा में बिल पेश करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कुछ राज्यों में विरोध सीमित है क्योंकि वहां सबसे ज्यादा टैक्स लगता है और सरकार कमाती है। टैक्स कम होगा तो किसान ज्यादा कमाएंगे।
इन राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों में किसानों को डीबीटी के माध्यम से पैसा गया। राजनीतिक चश्मे से विधेयक को न देखें, दिल पर हाथ रखकर सोचें तो किसानों की भलाई दिखेगी।
जानिए क्या है बिल और क्यों हो रहा विरोध
विपक्ष की ओर से मुख्य आरोप है कि यह विधेयक एमएसपी को खत्म करने का पहला कदम है। हालांकि कृषि मंत्री की ओर से बार बार स्पष्ट किया गया कि एमएसपी खत्म नहीं होगा।
यह बरकरार रहेगा। लेकिन हां, इससे लाइसेंस राज जरूर खत्म होगा, किसानों को स्वतंत्रता मिलेगी, वह कहीं भी अपनी उपज बेचकर ज्यादा मुनाफा कमा सकेगा। किसानों को बिचौलिए से मुक्ति मिलेगी।
विधेयक के विरोध पर तंज करते हुए तोमर ने परोक्ष रूप से राहुल पर भी व्यंग किया। उन्होंने कहा- मुझे पता चला है कि कुछ सदस्यों ने विधेयक की प्रति फाड़ दी। मुझे अचरज नहीं क्योंकि इसी पार्टी के एक नेता ने कांग्रेस काल में ही लाए गए विधेयक की प्रति फाड़ दी थी।
किसानों को सशक्त करेंगे कृषि विधेयक : राजीव कुमार
इस बीच, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को लोकसभा में दो कृषि विधेयकों के पारित होने का स्वागत करते हुए कहा कि इनसे न केवल किसान सशक्त होंगे बल्कि देश के कृषि क्षेत्र के भविष्य पर इसका व्यापक प्रभाव होगा।
वहीं नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि लोकसभा से पारित इन विधेयकों से किसानों की किस्मत बदल जाएगी।