E-Rikshaw New Rules: भोपाल की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा की एंट्री बंद, सिर्फ कॉलोनियों में चल सकेंगे
E-Rikshaw New Rules: भोपाल की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा की एंट्री बंद, सिर्फ कॉलोनियों में चल सकेंगे


E-Rikshaw New Rules: भोपाल की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा की एंट्री बंद, सिर्फ कॉलोनियों में चल सकेंगे। राजधानी भोपाल में ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित परिवहन को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने ई-रिक्शा को लेकर बड़ा फैसला लिया है।
E-Rikshaw New Rules: भोपाल की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा की एंट्री बंद, सिर्फ कॉलोनियों में चल सकेंगे।
अब शहर की मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा का संचालन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। यह निर्णय 20 जून से प्रभावी होगा। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि ई-रिक्शा अब केवल कॉलोनियों, गलियों और आवासीय क्षेत्रों में ही चल सकेंगे।
मुख्य सड़कों पर ई-रिक्शा पर रोक
प्रशासन, पुलिस और नगर निगम मिलकर अभियान चलाएंगे ताकि शहर की यातायात व्यवस्था को सुगम बनाया जा सके। अब ई-रिक्शा मुख्य मार्गों या व्यस्त चौराहों पर न तो सवारी उठा सकेंगे और न ही आवाजाही कर पाएंगे। यह कदम एंबुलेंस, वीआईपी मूवमेंट और आमजन के सुचारु आवागमन को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
नीति निर्धारण की तैयारी
इस नई व्यवस्था का प्रारंभिक परीक्षण एक सप्ताह तक किया जाएगा, जिसके बाद 27 जून को प्रस्तावित बैठक में इसकी समीक्षा कर एक विस्तृत नीति तैयार की जाएगी।
अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष दस्ता गठित
बैठक में तय हुआ कि शहर से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन, पुलिस और नगर निगम का संयुक्त अतिक्रमण दस्ता गठित किया जाएगा। इस दस्ते का नेतृत्व एडीएम करेंगे। इसमें मोबाइल कोर्ट और मजिस्ट्रेट की भी व्यवस्था होगी।
सांसद आलोक शर्मा ने इस मुद्दे पर पुलिस कमिश्नर, कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त के साथ बैठक में निर्देश दिए कि सड़क किनारे खड़े कंडम वाहनों को ट्रेंचिंग यार्ड में शिफ्ट किया जाए। इसके लिए 20 जून से 15 दिन का विशेष अभियान भी शुरू होगा।
लेफ्ट टर्न सुधारने की योजना
शहर के प्रमुख 42 चौराहों पर लेफ्ट टर्न की समस्या के निवारण के लिए भी अभियान शुरू किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस और निर्माण एजेंसियां मिलकर जहां जरूरी होगा, वहां डिजाइन में बदलाव और अतिक्रमण हटाने का काम करेंगी।
1500 ई-रिक्शा रजिस्टर्ड, कोई तय रूट नहीं
भोपाल में करीब 1500 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं, जो अब तक बिना तय रूट के सड़कों पर दौड़ रहे थे। नई व्यवस्था के तहत कॉलोनियों में इनका संचालन बना रहेगा, जिससे एक ओर आम लोगों को लास्ट माइल कनेक्टिविटी मिलती रहेगी, वहीं मुख्य सड़कों पर यातायात दबाव भी घटेगा।