
Durga Puja 2025: सिंदूर खेला की परंपरा और इसकी शुरुआत कब होती है, जानें पूरा विवरण। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि और दुर्गा पूजा का विशेष महत्व होता है. मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना से लेकर विजयदशमी तक भक्त देवी के नौ रूपों की पूजा-अर्चना करते हैं. दुर्गा पूजा का समापन विजयदशमी के दिन होता है. इसी दिन बंगाल और अन्य जगहों पर एक विशेष परंपरा निभाई जाती है जिसे सिंदूर खेला कहा जाता है. विवाहित महिलाएं इस दिन मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करती हैं और एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर उनके अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं।
सिंदूर खेला 2025 कब है?
साल 2025 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर, सोमवार से हो चुकी है और दुर्गा पूजा का समापन 2 अक्टूबर, गुरुवार को विजयदशमी के दिन होगा. इसी दिन सिंदूर खेला का आयोजन किया जाएगा.
सिंदूर खेला केवल विवाहित महिलाएं करती हैं.
सबसे पहले वे मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करती हैं.
इसके बाद वे एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगती हैं.
इसे महिलाओं का भाईचारे और शक्ति का प्रतीक भी माना जाता है
धार्मिक महत्व
- सिंदूर खेला को मां दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर माना जाता है.
- इस परंपरा से स्त्रियों के जीवन में खुशहाली, समृद्धि और वैवाहिक सुख बना रहता है.
- यह दिन मां दुर्गा की विदाई का होता है, इसलिए महिलाएं उन्हें विदा करते समय अपने परिवार और पति की लंबी उम्र के लिए वर मांगती हैं.
- आजकल यह परंपरा केवल बंगाल तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे देश और विदेश में जहां भी बंगाली समाज है वहां सिंदूर खेला का आयोजन धूमधाम से किया जाता है।Durga Puja 2025: सिंदूर खेला की परंपरा और इसकी शुरुआत कब होती है, जानें पूरा विवरण