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Cargo Jahaj: बांग्लादेश में 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तानी कार्गो जहाज की एंट्री

Cargo Jahaj: बांग्लादेश में 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तानी कार्गो जहाज की एंट्री

Cargo Jahaj: बांग्लादेश में 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तानी कार्गो जहाज की एंट्री बांग्लादेश की आजादी यानी की 1971 के बाद पाकिस्तान का पहला मालवाहक जहाज पिछले हफ्ते चटगांव बंदरगाह पहुंचा। इसे मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत विदेशी संबंधों में बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।

चटगांव बंदरगाह प्राधिकरण के एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने आगे बताया कि जहाज ने यूएई से अपनी यात्रा शुरू की। इसका गंतव्य इंडोनेशिया था, लेकिन बांग्लादेश से माल लोड करने के लिए जहाज कराची में रुका। इनमें से कुछ कंटोनरों में दुबई से भी सामान आया था। Cargo Jahaj: बांग्लादेश में 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तानी कार्गो जहाज की एंट्री

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पहला मालवाहक जहाज था जो सीधे कराची से आया

अधिकारी ने कहा, “मेरी जानकारी के अनुसार, यह पहला मालवाहक जहाज था जो सीधे कराची से आया था। इसमें हमारे कपड़ा और सिरेमिक उद्योगों के लिए कच्चा माल था। बता दें कि 1971 में पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के बीच युद्ध के बाद एक स्वतंत्र राष्ट्र का निर्माण हुआ, जिसे वर्तमान समय में बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।” अधिकारियों ने कहा, “जहाज एमवी युआन जियान फा झोंग 13 नवंबर को चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा था। पाकिस्तान से माल उतारने के बाद तुरंत चला गया। इससे पहले पाकिस्तान से माल फीडर जहाजों के माध्यम से श्रीलंका, मलयेशिया और सिंगापुर जैसे तीसरे देशों से भेजा जाता था।”

पाकिस्तान से सीधे कार्गो परिवहन से वस्तुओं की कीमत कम हो जाती है

वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान से सीधे कार्गो परिवहन से वस्तुओं की कीमत कम हो जाती है। इसके साथ ही शिपमेंट प्रक्रिया तेज हो जाती है। बांग्लादेश में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सैयद अहमद मारूफ ने इस पहल को व्यापार नेटवर्क को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। विदेशी संबंधों के विशेषज्ञ प्रोफेसर इम्तियाज अहमद ने कहा, “यह मेरे लिए आश्चर्य की बात है कि अब तक पाकिस्तान से कोई सीधा शिपमेंट क्यों नहीं हुआ। दोनों देश राजनीतिक तनाव के बावजूद व्यापार संबंधों को सुधारने में लगे हुए हैं।”

अभी जो चल रहा है वह एक अस्थायी घटना है

शेख हसीना की सरकार के हटने के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रोफेसर इम्तियाज अहमद ने कहा, “मुझे लगता है कि अभी जो चल रहा है वह एक अस्थायी घटना है। आपसी लाभ के लिए ढाका-दिल्ली संबंध सही रास्ते पर होने चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “जहां तक क्षेत्रीय और भू-राजनीतिक का सवाल है, आपको भारत जैसे अन्य प्रमुख देशों को परेशान नहीं करना चाहिए।”

बता दें कि हाल ही में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान मोहम्मद यूनुस ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत अन्य क्षेत्रीय नेताओं के साथ बैठक की थी। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी कोई बैठक नहीं हुई। बता दें कि मोहम्मद यूनुस ने आठ अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली थी। Cargo Jahaj: बांग्लादेश में 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तानी कार्गो जहाज की एंट्री

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