
Bournvita के आगे ‘तैयारी जीत की’ नहीं बल्कि डायबिटिज की,इस वीडियो की वजह से चर्चा में , Social Media Influencer ने अपने वीडियो में कहा था कि Bournvita में चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा है, ऐसे में इसे ‘हेल्थ ड्रिंक’ नहीं कहा जा सकता. इसके बाद इन्फ्लुएंसर के वीडियो ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी।
Bournvita बोर्नविटा बनाने वाली कंपनी ने इस सख्त को कानूनी नोटिस भेज दिया
बोर्नविटा इन दिनों एक वीडियो की वजह से चर्चा में है. ये वीडियो सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने अपने सोशल मीडिया पेज पर शेयर किया था इसके बाद बोर्नविटा बनाने वाली कंपनी ने इस सख्त को कानूनी नोटिस भेज दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने लिखित में माफी मांग ली है. हालांकि, इसके बाद भी सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर चर्चा जारी है।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के आरोप क्या थे?
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने अपने वीडियो में कहा था कि Bournvita में चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा है, ऐसे में इसे ‘हेल्थ ड्रिंक’ नहीं कहा जा सकता. इसके बाद इन्फ्लुएंसर के वीडियो ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैला दी. हालांकि, कानूनी नोटिस मिलने के बाद इन्फ्लुएंसर ने यह वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से डिलीट कर दिया. इधर, कंपनी ने भी अपने जवाब के रूप में एक स्टेटमेंट जारी किया।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने अपने वीडियो में बताया कि कंपनी का ये दावा है कि Bournvita एक हेल्थ ड्रिंक है जिससे लोगों की इम्युनिटी पावर बढ़ती है। लेकिन कोरोना से पहले कंपनी ने प्रोडक्ट पर ऐसी कोई जानकारी नहीं दी थी। कोरोना के समय जब लोग इम्युनिटी को लेकर सतर्क हुए तो कंपनी ने अपने प्रोडक्ट पर भी इम्युनिटी से जुड़ी जानकारी चिपका दी।
इन्फ्लुएंसर ने ये भी बताया कि कंपनी ने इनग्रिडिएंट में शुगर को प्रमुखता दी है। साथ ही इसमें रंग और चॉकलेट भी शामिल है। इन्फ्लुएंसर ने आरोप लगाया कि इसमें कंपनी ने कैरेमल कलर का इस्तेमाल किया है जिससे कैंसर होता है। साथ ही ये भी कहा कि ये ‘तैयारी जीत की’ नहीं बल्कि ‘तैयारी डायबिटिज की’ है।
कंपनी ने सफाई पेश की
इस वीडियो के वायरल होने के बाद कंपनी ने सफाई पेश की. कंपनी ने कहा कि बोर्नविटा में इम्युनिटी को बढ़ाने वाले विटामिन A, C, D और आयरन, जिंक, कॉपर व सेलेनियम न्यूट्रिएंट्स का मिश्रण है. साथ ही कंपनी ने कहा कि सभी जानकारी कोरोना से पहले से पैकेट पर लिखा आ रहा है. इसमें शुगर की मात्रा 7.5 ग्राम होती है जो कि बच्चों की जरूरत से बहुत कम है.