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Bondi Beach Firing Case: साजिद अकरम 27 साल ऑस्ट्रेलिया में रहा, फिर भी नागरिकता नहीं- जांच में सामने आए कई राज

Bondi Beach Firing Case: साजिद अकरम 27 साल ऑस्ट्रेलिया में रहा, फिर भी नागरिकता नहीं- जांच में सामने आए कई राज

Bondi Beach Firing Case: साजिद अकरम 27 साल ऑस्ट्रेलिया में रहा, फिर भी नागरिकता नहीं- जांच में सामने आए कई राज। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर हुई फायरिंग में 15 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में साजिद अकरम और उसका बेटा नवीद अकरम आरोपी है।

Bondi Beach Firing Case: साजिद अकरम 27 साल ऑस्ट्रेलिया में रहा, फिर भी नागरिकता नहीं- जांच में सामने आए कई राज

जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे नए खुलासे भी हो रहे हैं. साजिद का हैदराबाद कनेक्शन भी सामने था. वह 1998 में हैदराबाद से ऑस्ट्रेलिया गया था, लेकिन इसके बाद भी वह यहां कई बार आया. साजिद 27 साल से ऑस्ट्रेलिया में रह रहा, लेकिन उसे अब तक वहां की नागरिकता भी नहीं मिली.

इंडियन एक्सप्रेस को आरोपियों के रिश्तेदारों से बातचीत के आधार पर पता चला है कि साजिद अकरम 2001 में अपनी यूरोपियन मूल की पत्नी को निकाह सेरेमनी के लिए हैदराबाद लाया था और 2004-05 के आसपास अपने बेटे नवीद अकरम को अपने माता-पिता से मिलवाने के लिए लाया था.

साजिद को जानने वाले हैरान

50 साल का साजिद 1998 में हैदराबाद से ऑस्ट्रेलिया चला गया था. बेटे नाविद का जन्म वहीं हुआ. तेलंगाना के एक अधिकारी ने कहा, साजिद के परिवार से पूछताछ करनी पड़ी क्योंकि हमें यह जानना था कि क्या उन्हें हमले के बारे में कोई अंदाज़ा था. उन्होंने सहयोग किया. हमें अब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है. अधिकारी ने कहा, यह जानकर वे हैरान रह गए कि साजिद ऐसा कुछ कर सकता है. उन्होंने तुरंत हमें हैदराबाद में उसके आने-जाने के बारे में जो कुछ भी पता था, वह सब बता दिया.

साजिद के पास भारत का पासपोर्ट है. उसके पास कॉमर्स में बैचलर डिग्री है. नौकरी की तलाश में वह ऑस्ट्रेलिया चला गया था. उसने यूरोपियन मूल की एक महिला से शादी की और उनके दो बच्चे हुए नवीद और एक बेटी. अधिकारी ने कहा कि 2001 में साजिद अपनी पत्नी को माता-पिता से मिलवाने के लिए हैदराबाद लाया था. यहां पर उसका निकाह हुआ. 2004-05 में साजिद अपने बेटे नवीद के साथ आया. वह उसे अपने माता-पिता से मिलवाया. फिर 2012 और 2016 में साजिद फिर हैदराबाद आया.

वह पुश्तैनी प्रॉपर्टी में अपना हिस्सा बेचने के लिए हैदराबाद आया था. इंटेलिजेंस ऑफिसर ने कहा, हम सोच रहे थे कि क्या हैदराबाद में अभी भी उसकी कोई प्रॉपर्टी है. लेकिन ऐसा नहीं है. टोलीचौकी में अपने भाई के घर के अलावा उसके पास रहने के लिए कोई घर नहीं था.

भारत में गलत रिकॉर्ड नहीं

तेलंगाना के DGP बी शिवधर रेड्डी ने मंगलवार को एक प्रेस स्टेटमेंट में कहा था कि भारत में रहने के दौरान साजिद के नाम पर किसी भी तरह का कोई गलत रिकॉर्ड नहीं है. दावा किया गया कि साजिद और उसका बेटा ऑस्ट्रेलिया में रेडिकलाइज़ हुए थे. तेलंगाना में इंटेलिजेंस अधिकारियों के लिए यह एक रहस्य बना हुआ है कि साजिद को कभी ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता क्यों नहीं मिली. उसके परिवार ने बताया कि उसने नागरिकता के लिए अप्लाई किया था लेकिन उसे मिली नहीं. हैदराबाद के टोलीचौकी में इस बीच परिवार का दो-मंज़िला घर एक तरह का आकर्षण बन गया है. वहां भीड़ जमा हो रही है. ।

साजिद के बड़े भाई जनरल फ़िज़िशियन हैं. वह 2002 से इस घर में रह रहे हैं. वह हैदराबाद के चारमीनार इलाके से यहां आए थे. भाई की पत्नी, दो कॉलेज जाने वाले बच्चे और उनकी मां भी वहीं रहते हैं.

ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद 6 बार आया भारत

साजिद अकरम मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला है. 27 साल पहले नवंबर 1998 में नौकरी की तलाश में वह ऑस्ट्रेलिया चला गया था. ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से बसने से पहले उसने यूरोपीय मूल की महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी की. उसका एक बेटा नवीद और एक बेटी है. साजिद अकरम के पास आज भी भारतीय पासपोर्ट है और उसके बेटे नवीद अकरम और बेटी का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ था और वे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं.

जानकारी के मुताबिक, साजिद हैदराबाद में अपने परिवार के संपर्क में कम ही रहता था. ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद वह 6 बार हैदराबाद आया. मुख्य रूप से पारिवारिक कारणों से जैसे प्रॉपर्टी के मामले और अपने माता-पिता से मिलने के लिए. ऐसा माना जाता है कि वह अपने पिता की मृत्यु के समय भी भारत नहीं आया था.

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