ई-वोटिंग कराने वाला देश का पहला राज्य बना बिहार, जहां घर बैठे मोबाइल से मतदान कर सकेंगे मतदाता

पटना। बिहार देश का ऐसा पहला राज्य बनने जा रहा है, जहां के मतदाताओं को अब घर बैठे मतदान करने की सुविधा मिलेगी। ई-वोटिंग के माध्यम से मतदाता घर बैठे मोबाइल से मतदान कर सकेंगे। जी हां बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ई-वोटिंग की शुरुआत करने जा रहा है, जिससे मतदान प्रक्रिया आधुनिक, सुरक्षित और सुलभ हो जाएगी। यह पहल दिव्यांगजनों, वृद्धजनों और प्रवासी नागरिकों को ध्यान में रखकर की जा रही है ताकि वे घर बैठे आसानी से वोट कर सकें। बिहार राज्य निर्वाचन आयोग आधुनिक तकनीक की ओर एक नया अध्याय लिख रहा है। मतदान अब ज्यादा स्मार्ट, सुरक्षित और सुलभ होगा। राज्य निर्वाचन आयोग की ई-वोटिंग की यह पहल खासतौर पर दिव्यांगजनों, वृद्धजनों और प्रवासी नागरिकों को ध्यान में रखकर की जा रही है, जिससे हर मतदाता का वोट आसानी से सुरक्षित ढंग से और गरिमा के साथ दर्ज हो सके।
निकाय चुनाव से लागू होगी सुविधा
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग स्थानीय निकायों के आगामी नगर पालिका आम उप निर्वाचन 2025 के लिए इसके प्रयोग को लेकर तैयार है। राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि आयोग का सदैव यह प्रयास रहा है कि प्रत्येक मतदाता को स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी, उत्तरदायित्वपूर्ण और सुलभ मतदान प्रक्रिया उपलब्ध कराई जाए। इसी उद्देश्य से ई-वोटिंग का प्रयोग किया जा रहा है। जिन लोगों को बूथ में आने में कठिनाई होती थी, वैसे मतदाता घर बैठे मतदान कर सकेंगे।
घर पर रहकर करें मतदान
राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने कहा कि कई मतदाता शारीरिक कठिनाइयों के कारण बूथ पर नहीं आ सकते हैं। कई लोग भयभीत भी होते हैं। इसका कॉन्सेप्ट है, घर में रहकर मतदान। ई-वोटिंग के संबंध में दीपक प्रसाद ने कहा कि सबसे पहले रजिस्ट्रेशन करना होता है और सुरक्षा से अपनी सहमति देनी होती है। सहमति देने के बाद उन लोगों का रजिस्ट्रेशन करते हैं। रजिस्ट्रेशन के दौरान हमारे पास इलेक्टोरल रहते हैं। इसमें जो हमारे पास फोटोग्राफ हैं और अभी जो सेल्फी के माध्यम से आपके फोटोग्राफ लेते हैं, साथ में यह भी देखते हैं लाइव टेस्ट करके कि आप जीवित व्यक्ति हैं। उस फोटोग्राफ के इपिक के जो फोटोग्राफ हैं, उसे एआई-बेस्ड टेक्नोलॉजी से हम लोग मैच करते हैं।
एआई-बेस्ड टेक्नोलॉजी से मैच होगी फोटो
राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने बताया कि अगर इपिक में पुराने भी फोटोग्राफ हैं, 20-25 साल पहले के भी फोटोग्राफ हैं तो एआई बेस्ड होने के कारण वह मैच हो जाता है। चुनाव आयोग में सब कुछ डिजिटल है। आज बूथ कैप्चरिंग तो छोड़ दीजिए। हालांकि चर्चा कई होती हैं लेकिन सभी में पूरी पारदर्शिता बरती जाती है। काउंटिंग में भी पूरी पारदर्शी व्यवस्था की जाती है।