मानसिक प्रताड़ना के मध्य अध्यापकीय कार्य करने विवश दिव्यांग शिक्षक को न्याय की दरकार,व्ही.आर. सी. की मेहरबानी से जूनियर बनी प्रभारी

मानसिक प्रताड़ना के मध्य अध्यापकीय कार्य करने विवश दिव्यांग शिक्षक को न्याय की दरकार,व्ही.आर. सी. की मेहरबानी से जूनियर बनी प्रभार
कटनी /दिव्यांग व्यक्तियों को ससम्मान जीवन यापन करने की दृष्टि से सन् 2016 में बना दिव्यांग अधिनियम,जो कि वर्तमान में क़ानून का रूप ले चुका है. यह विधेयक उस समय गौण सा प्रतीत होता है, ज़ब किसी विकलांग व्यक्ति को अपने ही अधिकारों को प्राप्त करने हेतु जद्दोजेहद की दुनिया में उतर कर अपने जायज हक के लिये मारा मारा फिरना पड़ता हो. ऐसा ही मामला विजयराघवगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत संकुल केंद्र देवराकला के अंतर्गत आने वाले ई.पी.एस.शासकीय नवीन माध्यमिक विद्यालय जुगिया में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक मोहम्मद समीम का उभर कर सामने आया है.वहाँ जनपद शिक्षा केंद्र में पदस्थ अधिकारीयों और कर्मचारियों द्वारा सर्वप्रथम दिव्यांग शिक्षक को अशुभ मानकर उनका स्थान्तरण नियम विरुद्ध तरीके से उनके विद्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर बहोरीबंद ब्लॉक में कराकर उनका तमासा बनाया गया. चूंकि मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति में दिव्यांग कर्मचारीयों का स्थान्तरण न करने का स्पष्ट उल्लेख होने से, संबंधित भुक्त भोगी दिव्यांग शिक्षक का स्थान्तरण उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर देने से इन दिनों बि रोधी पक्ष की नींद सी उड़ चुकी है.जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा, उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षक के पक्ष में जारी आदेश के परिपालन में दिव्यांग शिक्षक को यथावत उसी विद्यालय में पदस्थ किये जाने से दिव्यांग जनों के प्रति कुत्सित मानसिकता रखने वाले जनपद शिक्षा केंद्र के अधिकारीयों और कर्मचारियों ने अब शिक्षक को प्रताड़ित करना प्रारंभ कर दिये हैं.नवीन माध्यमिक जुगिया विद्यालय में हद तो तब हो गयी, ज़ब एक अत्यंत जूनियर शिक्षका श्रीमति भारती सिंह राजपूत जो कि सन् 2024 में उच्च पद के विरुद्ध प्रभार लेकर प्राथमिक शिक्षक से माध्यमिक शिक्षिका बनीं, उन्हें दिव्यांग शिक्षक की अनुपस्थिति में विद्यालय का प्रभार सारी आलमारीयों का ताला तोड़कर,उक्त जूनियर शिक्षिका को देकर उनकी विधिवत आई.डी.बनाकर प्रभारी पद हेतु ऑनलाइन कार्यवाही को अंजाम दे दिया गया.गौरतलब है, कि सन् 2012 से नियुक्त माध्यमिक शिक्षक जो कि वर्षों से शाला का प्रभार लेकर विधिवत शाला संचालन कर रहा था,अब उन्हें जूनियर मैडम साहिबा के अधीनस्थ्य कार्य करने हेतु विवश किया जा रहा है. शिक्षक की तनावपूर्ण मनोदसा का गहराई से अध्ययन करने के उपरांत विकलांग बल के प्रांतीय संरक्षक कुंवर मार्तण्ड सिंह राजपूत द्वारा गत दिवस इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना समन्वयक को पत्र लिखकर संबंधित दिव्यांग शिक्षक को प्रताड़ित कर उनका तमासा बनाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की गयी है.उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि दिव्यांग शिक्षक को दी जाने वाली मानसिक प्रताड़ना बंद नहीं होती, तो वे ऐसे अधिकारीयों और कर्मचारीयों को चिन्हित कर उन पर विकलांग विधेयक अधिनियम 2016 के तहत संबंधित पुलिस स्टेशन में जाकर एफ.आई.आर.दर्ज कराने से भी पीछे नहीं हटेंगे.अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संघ के पदाधिकारियों ने भी जिला प्रशासन से दिव्यांग शिक्षक के हित में उन्हें समुचित न्याय प्रदान करने की अपील किये हैं.