ब्रेस्ट मिल्क बिजनेस के सभी लाइसेंस होंगे रदद्, केंद्र ने कर्नाटक सरकार को जारी किया नोटिस
ब्रेस्ट मिल्क बिजनेस के सभी लाइसेंस होंगे रदद्, केंद्र ने कर्नाटक सरकार को जारी किया नोटिस

हाईकोर्ट में केंद्र का जवाब
इन निर्देशों का पालन करते हुए, राज्य सरकार द्वारा निजी फर्मों को जारी किए गए कई लाइसेंस रद्द कर दिए गए।
कामथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को ऐसे सभी लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है। कुछ कंपनियों को शुरू में आयुर्वेदिक मानदंडों के तहत ये लाइसेंस मिले थे, जो मानव स्तन के दूध के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति देते थे। हालांकि, अब केंद्र ने हस्तक्षेप किया है और राज्य ने इनमें से कुछ लाइसेंस रद्द करके अनुपालन किया है।
कम से कम एक कंपनी का लाइसेंस पहले ही रद्द किया जा चुका है और उसने तब से इस रद्दीकरण को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
कोर्ट में पेश किए गए ब्रेस्ट मिल्क सैंपल
कामथ ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य को ऐसे सभी लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है। कुछ कंपनियों को शुरू में आयुर्वेदिक मानदंडों के तहत ये लाइसेंस मिले थे, जो मानव स्तन के दूध के व्यावसायिक उपयोग की अनुमति देते थे। हालांकि, अब केंद्र ने हस्तक्षेप किया है और राज्य ने इनमें से कुछ लाइसेंस रद्द करके अनुपालन किया है।
कम से कम एक कंपनी का लाइसेंस पहले ही रद्द किया जा चुका है और उसने तब से इस रद्दीकरण को उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
ब्रेस्ट मिल्क बिजनेस के सभी लाइसेंस होंगे रद
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता बी विश्वेश्वरैया ने पैकेज्ड ब्रेस्ट मिल्क की 50 एमएल की बोतल और पाउडर ब्रेस्ट मिल्क का 10 ग्राम का पैकेट कोर्ट में दिखाया जिसमें 1,239 रुपये और 313 रुपये की बिक्री कीमत बताई गई थी।
कामथ ने कहा कि ये लाइसेंस पहले आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों से संबंधित प्रावधानों के तहत जारी किए गए थे, लेकिन उन्होंने दोहराया कि केंद्र सरकार के हालिया निर्देश के अनुसार उन्हें रद्द करना आवश्यक है।
उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि अदालत चल रही जनहित याचिका में प्रतिवादी के रूप में केंद्रीय आयुष मंत्रालय को शामिल करे। उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को मामले में केंद्रीय मंत्रालय को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया और एक नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 4 दिसंबर को निर्धारित की गई है। ब्रेस्ट मिल्क बिजनेस