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लेह हिंसा के बाद सरकार सख्त: सोनम वांगचुक गिरफ्तार, NGO का लाइसेंस रद्द

लेह हिंसा के बाद सरकार सख्त: सोनम वांगचुक गिरफ्तार, NGO का लाइसेंस रद्द

लेह हिंसा के बाद सरकार सख्त: सोनम वांगचुक गिरफ्तार, NGO का लाइसेंस रद्द। लद्दाख की राजधानी लेह में हुई हिंसा के बाद से ही जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लगातार निशाने पर हैं।

लेह हिंसा के बाद सरकार सख्त: सोनम वांगचुक गिरफ्तार, NGO का लाइसेंस रद्द

एक दिन पहले वांगचुक के स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (एसईसीएमओएल) का एफसीआरए लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद आज शुक्रवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

 

वांगचुक की गिरफ्तारी लेह हिंसा मामले में की गई है. सरकार ने इस हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है. एक दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वांगचुक स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख का एफसीआरए लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया. मंत्रालय की ओर से यह कार्रवाई संगठन के खातों में पाई गई कई तरह की कथित विसंगतियों पर आधारित थी, जिसमें स्वीडन से धन अंतरण भी शामिल था, और मंत्रालय ने इसे राष्ट्रीय हित के खिलाफ पाया.

राज्य की मांग को लेकर भड़क गई थी हिंसा

इससे पहले केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कल गुरुवार को लगातार तनावपूर्ण शांति बनी रही. इस बीच पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने लेह शहर में सख्ती से कर्फ्यू लागू किया. 2 दिन पहले पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान अचानक से हिंसा भड़क उठी थी. इस हिंसा में 4 लोगों की जान चली गई जबकि 90 अन्य घायल हो गए थे.

लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की ओर से लद्दाख के लिए छठी अनुसूची के विस्तार और राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर 2 दिन पहले बुधवार को बुलाए गए बंद के दौरान भड़की हिंसा के सिलसिले में करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है. कार्रवाई पर पुलिस अधिकारी ने बताया,’कर्फ्यू वाले इलाकों में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. कहीं से भी किसी घटना की सूचना नहीं है.’

हिंसा के बाद वांगचुक को खत्म करनी पड़ी भूख हड़ताल

इस बीच लेह के जिला मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोनक ने कल गुरुवार को शुक्रवार से अगले 2 दिन के लिए सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया. इस दौन आंगनवाड़ी केंद्र भी बंद रहेंगे।

लेह में हिंसा बढ़ने के कारण सोनम वांगचुक को अपनी पखवाड़े भर से चल रही भूख हड़ताल को बीच में ही छोड़ना पड़ा। भूख हड़ताल के दौरान उन्होंने इस हिंसा की निंदा भी की थी। उन्होंने हिंसा की आलोचना करते हुए कहा, “यह लद्दाख के लिए सबसे दुखद दिन है. पिछले पांच सालों से हम जिस रास्ते पर चल रहे थे, वह शांतिपूर्ण था। लेह हिंसा के बाद सरकार सख्त: सोनम वांगचुक गिरफ्तार, NGO का लाइसेंस रद्द

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