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West Bengal Assembly: सदन में नारेबाज़ी के बाद 4 BJP विधायक निलंबित, विपक्ष भड़का

West Bengal Assembly: सदन में नारेबाज़ी के बाद 4 BJP विधायक निलंबित, विपक्ष भड़का

पश्चिम बंगाल: सदन में नारेबाज़ी के बाद 4 BJP विधायक निलंबित, विपक्ष भड़का। पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Assembly) के बाहर भारतीय जनता पार्टी के नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। जिसके बाद बीजेपी विधायकों दीपक बर्मन, शंकर घोष, अग्निमित्र पॉल और मनोज ओरांव को स्पीकर बिमान बनर्जी ने इस सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया।

West Bengal Assembly: सदन में नारेबाज़ी के बाद 4 BJP विधायक निलंबित, विपक्ष भड़का

West Bengal Assembly: सदन में नारेबाज़ी के बाद 4 BJP विधायक निलंबित, विपक्ष भड़का
West Bengal Assembly: सदन में नारेबाज़ी के बाद 4 BJP विधायक निलंबित, विपक्ष भड़का

सदन में पहले की गई कुछ टिप्पणियों को हटाने पर चल रही चर्चा के दौरान इन विधायकों ने विरोध किया और नारे लगाए थे। इससे पहले, 20 जून को नेताजी सुभाष खेल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय विधेयक, 2025 पर बहस के दौरान आधे घंटे तक चली तीखी नोकझोंक के बाद शुक्रवार को बीजेपी विधायकों ने पश्चिम बंगाल विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था।

शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु द्वारा विधेयक पेश किए जाने के तुरंत बाद बीजेपी के मुख्य सचेतक शंकर घोष द्वारा विधेयक पर बोलने के लिए खड़े होने के बाद हंगामा शुरू हुआ था।

मंत्री बाबुल सुप्रियो ने सचेतक शंकर घोष को बीच में रोकते हुए सवाल किया कि टीएमसी विधायकों को उनकी बात क्यों सुननी चाहिए, जबकि पिछले दिन प्रश्नकाल में राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य के जवाब के दौरान वे और उनके साथी भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए थे।

विधायकों से स्पीकर की गुजारिश…

सुप्रियो का समर्थन करते हुए 100 से ज्यादा टीएमसी विधायक खड़े हो गए, जबकि स्पीकर बिमान बनर्जी ने घोष को अपना भाषण जारी रखने की अनुमति दी। बिमान बनर्जी ने कहा, “कल मुझे आपके और अन्य बीजेपी विधायकों के बयानों को हटाना पड़ा क्योंकि मंत्री के जवाब देने के दौरान आप चले गए थे, यह सदन का अपमान था लेकिन मैं चाहता हूं कि सदन चले, इसलिए मैं चाहता हूं कि आप बोलें।

बनर्जी ने कहा कि अक्सर विपक्षी विधायक किसी प्रस्ताव पर अपना भाषण खत्म करने के तुरंत बाद अपनी बेंच छोड़ देते हैं। वे अपने प्रश्नों पर मंत्रियों के जवाब सुनने का इंतजार नहीं करते।

उन्होंने कहा, “मैं घोष से कहना चाहता हूं कि नियम के मुताबिक उन्हें अपना भाषण देने के बाद अपनी सीट नहीं छोड़नी चाहिए। मैं उनसे ऐसा वादा करने की अनुरोध करता हूं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, फिर भी मैंने उन्हें अपनी बात जारी रखने की अनुमति दी लेकिन वे इसके तुरंत बाद चले गए।

घोष ने गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही से बीजेपी विधायकों की टिप्पणियों को हटाने के अध्यक्ष के फैसले के खिलाफ बोलते हुए कहा, “बयानों को हटाने के गुरुवार के आदेश के खिलाफ आपकी ये टिप्पणियां आज की कार्यवाही में दर्ज नहीं की जाएंगी। यह आज के मामले से संबंधित आपके बयान का हिस्सा नहीं है।

 

 

 

 

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