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27 सात बाद बन रहा गुरु पुष्य योग का संयोग, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता

धर्म डेस्क। मई के आखिरी गुरुवार को पुष्य योग बन रहा है। इस योग में किए गए सभी कार्यों में सफलता और शुभता में वृद्धि होती है। इस तरह के संयोग बहुत ही कम बनते हैं। यह पुष्य नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से 8वां है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है।

गुरुवार के दिन इस नक्षत्र का आना इसके महत्व को और बढ़ा देता है। माना जाता है कि इस नक्षत्र में किए गए कार्यों के बेहतर परिणाम आते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति उदार, सहनशील और परोपकारी होते हैं। धर्म-कर्म में इनकी गहरी आस्था होती है, लेकिन बचपना संघर्ष में गुजरता है।

नौतपा के दौरान गुरुवार को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में विचरण करेगा। इससे गुरु पुष्य योग बनेगा। गुरु पुष्य योग 27 साल बाद सबसे कम समय के लिए बन रहा है। बुधवार 27 मई को सुबह 5.48 बजे से योग शुरू होगा, जो 28 मई सुबह 5.43 बजे तक रहेगा।

सूर्योदय 5.21 होगा। गुरुवार को पुष्य नक्षत्र का योग 20 मिनट तक रहेगा। जो तीन घड़ी से कम समय तक विद्यमान है। गुरुवार को छूते हुए पुष्य नक्षत्र निकल जाएगा। आगामी समय में 17 अगस्त व 14 सितंबर को सोम पुष्य योग, 11 अक्टूबर को रवि पुष्य योग और 7 नवंबर और 5 दिसंबर को शनि पुष्य योग का संयोग बनेगा। ज्योतिष में गुरु, सोम, रवि और शनि नक्षत्र का योग अनेक कार्यों में शुभफलदायी होता है

 

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