21 वीं सदी में एलोपैथी को चैलेंज! पेट की गड़बड़ी (उखड़े पेट) को यूं ठीक करते है यह शख्स

कटनी। क्या पेट उखड़ता है क्या पेट की आंत आपस मे उलझ जाती हैं क्या पेट दर्द के मर्ज को बिना दवा के महज़ कुछ एक्सरसाइज से ठीक किया जा सकता है? यह सवाल आज के इस भौतिक ओर AI अर्थात रोबोटिक की दुनिया मे उठता है।
कहा जाता है पीलिया रोग बिना झाड़ फूंक नहीं जाता तो वहीं कुछ रोग बिना ऐसी अदृश्य इलाज के ठीक नहीं हो सकते। ऐसा ही एक उदाहरण कटनी के घण्टाघर क्षेत्र में लगभग हर रोज देखा जा सकता है जब कोई व्यक्ति जमीन पर लेटा होता है और एक व्यक्ति उसकी पेट की मालिश या कोई व्यायाम करता हुआ नजर आता है। आइये जानते हैं यह पूरा माजरा।
कटनी में उखडे पेट का विशेषज्ञ है एक पल्लेदार जिनका नाम है रामप्रसाद यह व्यक्ति दर्द से कराहते मरीज को सडक पर ही लिटाकर 5 मिनिट में आराम का दावा करते हैं। कुछ लोग भी रामप्रसाद की इस कला को स्वीकार करते हैं। उन्हें अक्सर कोई न कोई ढूंढते नजर आता है।
दरअसल एलोपैथी-आर्युवैद-होम्योपैथी से हार थक जाये तो ऊखडे पेट के विशेषज्ञ पल्लेदार रामप्रसाद को ढूंढते हुये पीडित कटनी घंटाघर पहुंचते है। रामप्रसाद के पास अनुभव और पेट को पटरी पर लाने के लिये तजुर्बा है। जो जहाँ मिला उसे वही लिटा दिया। न बिस्तर की जरूरत न तकिये की। सडक पर ही पांच मिनट में उखडा पेट सटीक तरीके से कतिथ तौर पर बैठ जाता है। बकायदा सुतली नाप के इस्तेमाल की जाती है। नाभि से सीने तक का नाप किया जाता है और पेट को हाथों के पंजो से अनुभवों के आधार पर दबाया जाता है और पैरों के तलुवों में तेज घूंसे भी मारे जाते हैं। बस फिर क्या रोता हुआ पीडित हंसता हुआ जाता है। ऐसे कई उदाहरण हैं हालांकि ऐसे किसी इलाज की पुष्टि हम नहीं करते लेकिन जो दिखता है उसे तो मानना ही पड़ेगा खास बात यह है की पल्लेदार डाक्टर का उपचार फीस के नाम पर एक रूपये नहीं केवल पीडित लोगों का सहयोग मानवसेवा के रूप में करते हैं लिहाजा लोगों को विश्वास होना लाजिमी है।