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आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए 14 दिन का समय व्यापारियों के लिए बड़ी चुनौती बन गया

भोपाल। आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए व्यापारी वर्ग को 14 दिन का समय दिया गया है, जो व्यापारियों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

कर पेशेवरों का कहना है कि 365 दिनों का हिसाब-किताब 14 दिन में कैसे पूरा किया जा सकता है। व्यापारी वर्ग ने एक्स पर आयकर विभाग की मनमानी के खिलाफ मुहिम छेड़ने का निर्णय लिया है।

आयकर विभाग के ताजा निर्देशों से व्यापारी वर्ग में नाराजगी फैल गई है। 16 सितंबर को आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बीत चुकी है और अब विभाग ने 30 सितंबर तक ऑडिट रिपोर्ट भी जमा करने का आदेश दिया है।

हर साल आयकर रिटर्न की तारीख बीतने के बाद ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कम से कम दो महीने का समय मिलता है। इस बार तो ऑडिट का फार्म ही समय पर पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ। अब विभाग का कहना है कि 14 दिनों में ऑडिट पूरा कर दें, जबकि हर ऑडिट को 45 बिंदुओं पर सत्यापित करना आवश्यक है।

कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं

त्योहारों के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है। व्यापारी वर्ग का कहना है कि सरकार और आयकर विभाग के आदेशों के कारण त्योहारों का बिक्री सीजन प्रभावित हो रहा है। नवरात्र के दौरान उन्हें ऑडिट का हिसाब लगाने में जुटना पड़ेगा।

सियागंज व्यापारी एसोसिएशन के अनुसार, व्यापारी एसोसिएशन के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा, जिसमें मियाद को नवंबर तक बढ़ाने की मांग की जाएगी। रेडिमेड गारमेंट व्यापारी एसोसिएशन ने भी ट्वीटर पर ऑडिट तारीख बढ़ाने के लिए मुहिम चलाई है।

छोटे और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए यह प्रक्रिया और भी कठिन हो गई है। चार्टर्ड अकाउंटेंट और पेशेवरों का कहना है कि इतने कम समय में ऑडिट रिपोर्ट तैयार करना संभव नहीं है। व्यापारी वर्ग आयकर विभाग और सरकार से मांग कर रहा है कि समय सीमा को बढ़ाया जाए, लेकिन विभाग इस पर कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है।

सरकार ने बजट फरवरी में पेश किया था और यूटिलिटी फार्म जुलाई में जारी होना था, लेकिन यह अगस्त तक नहीं आया। इसके बाद 15 सितंबर को आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि थी, जिसे पोर्टल ठप होने के कारण 16 सितंबर कर दिया गया। 1 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाले व्यापारी-फर्म को ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करनी होती है।

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