नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उन्नाव दुष्कर्म मामले में वकील राम मनोहर शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई. इस पर अदालत ने उनसे पूछा कि इस मामले से उनका क्या संबंध है? कोर्ट ने पूछा कि क्या उनकी किसी रिश्तेदार के साथ बलात्कार हुआ है?
वकील एमएल शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि मंत्री, सांसद व विधायकों के खिलाफ दुष्कर्म के मामले पुलिस दर्ज नहीं करती है और करती भी है तो इन मामलों की जांच निष्पक्ष तरीके से नहीं की जाती है.
उन्नाव दुष्कर्म के मामले में शर्मा ने तर्क दिया कि विधायक के खिलाफ पुलिस सही तरीके से जांच नहीं करेगी. इसलिए यह मामला सीबीआई को दे दिया जाए. उनका कहना था कि विधायक के पावर के कारण ही उनका नाम शिकायत पत्र में भी दर्ज नहीं हो पाया था.
शर्मा ने यह भी आरोप लगाया है कि एक नाबालिग लड़की को अगवा करके उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और बाद में सत्तारूढ़ पार्टी के इशारे पर पुलिस हिरासत में उसके पिता की हत्या कर दी गई.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसए बॉब्दे व एल नागेश्वर राव की पीठ ने शर्मा से पूछा कि उनका इस मामले से क्या ताल्लुक है? एक आपराधिक मामले में जनहित याचिका कैसे दायर की जा सकती है और बेंच ने शर्मा को फटकार लगाते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी