यशभारत की खबर का असर सरकार का आदेश-आपात, गंभीर हालत में बुजुर्ग पेंशनर कहीं भी करा सकते है बेहतर इलाज

जबलपुर विशेष प्रतिनिधि। सीजीएचएस अस्पतालों द्वारा लाभार्थियों से पैकेज के अलावा अतिरिक्त राशि वसूलने और उसकी पावती न देने के मामले को यशभारत ने सप्रमाण उठाया था। परिणाम यह हुआ कि केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर संज्ञान लेते हुए २२ मई को एक आदेश जारी कर बुजुर्ग और अशक्त पेंशनरों को आपात स्थिति में किसी गैर मान्यता प्राप्त अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है।
यदि उक्त अस्पताल के विशेषज्ञ महसूस करते है कि रोगी को अन्य शहरों में उच्चतर केन्द्र में इलाज के लिए भेजना जरूरी है तो वे मरीज और आवश्यकता पड़ने पर हवाई सेवा की अनुमति भी प्रदान कर सकते है। इलाज का पूरा खर्चा मरीज के परिजन द्वारा उठाया जायेगा। जिसका बिल जमा करने पर एक माह मे उसे गारण्टी के साथ भुगतान कर दिया जायेगा।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं कल्याण मंत्रालय ने पत्र क्रमांक जेड१५०२५/३८/डी.आई.आर/सीजीएसएस/ इ.एच.एस. दिनांक २२ मई २०१८ को इस संबंध में आदेश कर दिया है। आदेश में यह भी कहा कि मरीज की जान बचाने के लिए अच्छे से अच्छा वार्ड चाहे वह पात्र हो या न हो यदि डाटर आवश्यक समझते है तो प्रदान कर सकते है। जो भी इलाज में पैसा लगेगा उसकी रसीद देगें। इस दर पर कोई आपिा भी नही होगी। साथ ही अस्पताल प्रमुख मानते है कि मरीज को यदि अन्य शहर में और अच्छा ईलाज देना जरूरी है तो उसे हवाई यात्रा की अनुमति होगी। चाहे वह इसके लिए पात्र हो या न हो। उल्लेखनीय है कि यशभारत ने सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पतालों की विसंगतियों को सप्रमाण उजागर किया था कि किस तरह मरीज को आपरेशन की टेबल पर लिटाकर उसकी जान का सौदा किया जाता है हमारे दिल्ली स्थित सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य मंत्रालय शिकयत प्राप्त अस्पतालों के खिलाफ अलग से कार्यवाही करने के लिए भी मंथन कर रही है।