ममता दीदी मेरे लिए चुनती हैं कुर्ते, शेख हसीना भेजती हैं बंगाली…- जब अक्षय ने लिया पीएम मोदी का इंटरव्यू
नई दिल्ली, एजेंसी। राजनीतिक गहमागहमी और नेताओं के मर्यादा को लांघते आरोप-प्रत्यारोप के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार को एक गैरराजनीतिक इंटरव्यू दिया है। इस इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कई चुटकुले सुनाए, तो अपने विपक्षियों से जुड़ी बेहद निजी बातें भी साझा कीं। पीएम मोदी ने बेहद हल्के मूड में दिए इस इंटरव्यू के दौरान अपने विपक्षी नेताओं के बारे में ऐसी बातें बताई, जिसके बारे में सहसा यकीन करना बेहद मुश्किल है।
ममता बनर्जी भेजती है कुर्तें
लोकसभा चुनाव 2019 के मुद्देनजर इन दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पीएम मोदी के बीच जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल हो रहा है, ऐसे में लोगों के लिए इस बात पर यकीन करना बेहद मुश्लिक होगा कि ‘दीदी’ उनके लिए साल में दो बार कुर्ते भेजती हैं। मोदी जी को आम बेहद पंसद है। ऐसी ही कुछ बेहद रोचक बातें पीएम मोदी ने अक्षय कुमार को दिए इस इंटरव्यू में बताईं।
गुस्से पर दिया ये जवाब
इस दौरान अक्ष्य ने पूछा क्या प्रधानमंत्री मोदी को गुस्सा आता है? पीएम ने कहा ‘जब मैं कहता हूं की मुझे गुस्सा नहीं आता तो बहुत लोगों को आश्चर्य होगा। मेरी ट्रेनिंग के दौरान मुझे सिखाया गया कि नेगिटिव चीजों से आगे कैसे बढ़ना है। मैं कह सकता हूं की मैं इतने साल मुख्यमंत्री रहा, मैं प्रधानमंत्री हूं लेकिन आज तक मुझे गुस्सा दिखाना का अवसर नहीं आया। मैं अनुशासित हूं, किसी का अपमान नहीं करता’। ऐसी कोई घटना जो मुझे पसंद नहीं आती तो मैं घर जाकर कागज पर पूरी घटना का वर्णन करता फिर मैं वो कागज फाड़कर फेंक देता हूं, तब भी सुकून नहीं मिलता तो फिर लिखता हूं और ऐसा तीन चार बार करता हूं तब मुझे ये ऐहसासा हो जाता है कि गलती किसकी थी।
अक्ष्य ने सवाल किया की आपका इतना बड़ा घर है तो क्या आपका मन नहीं करता मां आपके साथ रहे। पीएम ने कहा कि मैने बहुत ही छोटी आयु में घर छोड़ दिया था। उन्होंने कहा अगर मैं प्रधानमंत्री बनकर घर से निकला होता, तो मेरा मन रहता की सब वहीं रहे, लेकिन मैंने बहुत छोटी उम्र में घर छोड़ दिया था और इसलिए लगाव, मोहमाया सब मेरी ट्रैनिग के कारण छूट गया, लेकिन हाल ही मैं मैंने अपनी मां को बुलाया उनके साथ कुछ समय बिताया। मेरी मां ने कहा कि मेरे पीछे क्यों वक्त बर्बाद करते हो। मैं भी उन्हें समय नहीं दे पाता था। अपने कामों में व्यस्त रहता था।