बिहार: 9 बच्चों को कार से कुचलने वाला बीजेपी नेता नेपाल भागने की फिराक में?

मुजफ्फरपुर। बिहार के मुजफ्फरपुर में नशे में धुत्त होकर अपनी कार से नौ बच्चों को कुलचने का आरोपी बीजेपी नेता मनोज बैठा भारत-नेपाल सीमा के पास कहीं छुपा बैठा है. पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी है.
बैठा को पकड़ने के लिए सिटी एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा के नेतृत्व में एक एसआईटी भी गठित की गई. वहीं मुजफ्फरपुर के एसएसपी विवेक कुमार ने न्यूज़ 18 से बातचीत में कहा कि बीजेपी नेता को 48 घंटों के अंदर गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
बता दें कि राजधानी पटना से सटे मुजफ्फरपुर के बाहरी इलाके में शनिवार को एक तेज रफ्तार बोलेरो ने सरकारी स्कूल के बाहर करीब 30 बच्चों को कुचल दिया था. इस घटना में नौ बच्चों की मौत हो गई, जबकि 20 बच्चों घायल हुए थे.
हालांकि मनोज के पिता नारायण बैठा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि घटना वाले दिन कार ड्राइवर लेकर गया था और उन्हें नहीं पता कि वह इसे कहा लेकर गया और उसके बाद क्या हुआ.
इस मामले में आरोपी मनोज बैठा को बीजेपी ने सोमवार को पार्टी से सस्पेंड कर दिया. बीजेपी की बिहार इकाई के उपाध्यक्ष देवेश कुमार कहते हैं, ‘सीतामढ़ी से जिला स्तरीय कार्यकर्ता मनोज बैठा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है.’ वहीं जब पूछा गया कि बैठा की गाड़ी में लगे बैनर में उनका पद महादलित प्रकोष्ठ का राज्य महासचिव लिखा था, तो कुमार कहते हैं, ‘संगठन में ऐसा कोई पद ही नहीं. ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने खुद यह पद गढ़ लिया.’
वहीं इस मामले को लेकर बिहार की विपक्षी आरजेडी नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है और मंगलवार को यह मुद्दा विधानसभा में उठा. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आरोप लगाया कि मनोज बैठा की गिरफ्तारी राज्य सरकार के संरक्षण के चलते अभी तक नहीं हुई है.
तेजस्वी ने राज्य में शराबबंदी को बस दिखावा करार देते हुए ट्वीट कर मुख्यमंत्री से पूछा, ‘नीतीश कुमार जी, क्या शराबबंदी में अमीरों को होम डिलीवरी करवाना और बच्चों के भाजपाई हत्यारे को बचाना ही आपका राजधर्म है?’ उन्होंने पूछा कि क्या शराबबंदी में अब तक करीब 1.30 लाख गरीबों को जेल भेजना ही सुशासन है.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के सीधे संरक्षण के चलते अभी तक गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है. उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री का नैतिक और मानवीय दायित्व नहीं बनता कि वह एक बार पीड़ितों से जाकर मिले.
उधर, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने भी कहा कि चाहे किसी भी दल से जुड़ा कोई भी व्यक्ति हो, पुलिस को आरोपी के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.