भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और विसिल ब्लोअर प्रशांत पांडे के खिलाफ अदालत में झूठी गवाही और झूठे शपथ-पत्र पेश करने पर विशेष न्यायालय ने श्यामलाहिल्स थाने को एफआईआर दर्ज कर जांच के निर्देश दिए हैं।
विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने 23 सितंबर को भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष द्वारा पेश याचिका पर सुनवाई करते हुए श्यामला हिल्स थाने को मामले का प्रतिवेदन पेश करने के निर्देश दिए थे।
श्यामलाहिल्स थाने द्वारा बुधवार को अदालत में प्रतिवेदन पेश करने पर याचिकाकर्ता संतोष शर्मा के वकील प्रमोद सक्सेना ने तर्क दिया कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया , कमलनाथ और विसिलब्लोअर प्रशांत पांडे ने सीएम शिवराज सिंह, उमाभारती व अन्य के खिलाफ झूठे तथ्यों के आधार पर याचिका पेश की है।
याचिका के साथ पेश नितिन मोहिन्द्रा के कम्प्यूटर से जब्त एक्सल शीट और हार्डडिस्क संबंधी रिपोर्ट को भी फर्जी बताया है। इस मामले में सुप्रीमकोर्ट ने दिग्विजय सिंह की याचिका को स्वीकार करते हुए सीबीआई को व्यापमं मामले की जांच सौंपी थी, किन्तु कांग्रेस नेताओं ने राजनीतिक फायदे के लिए संवैधानिक संस्था सीबीआई पर भी आरोप लगा दिए।
विशेष न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए श्यामला हिल्स थाने को दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, कमलनाथ और प्रशांत पांडे के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जीवाड़े और षडयंत्र के अपराध में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं और मामले में जांच किए जाने को कहा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को नियत की है।
ये है पूरा मामला
o कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा व्यापमं प्रकरण में विवेचना एजेंसियों को भटकाने, बरगलाने का आपराधिक षडयंत्र करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किए है।
o इस आपराधिक कृत्य के विरूद्ध भोपाल के अधिवक्ता श्री संतोष शर्मा द्वारा न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया।
o परिवाद में कहा गया कि कांग्रेस के यह नेता एवं प्रशांत पाण्डे राजनैतिक लाभ प्राप्त करने की दृष्टि से फर्जी दस्तावेजों को सही बता रहें है।
o कांग्रेस नेताओं के यह दस्तावेज प्रथम बार उच्च न्यायालय की निगरानी में करायी गयी एसआईटी की जांच में फर्जी और कूटरचित सिद्ध हो चुके है।
o तदोपरांत सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश से सीबीआई द्वारा भी दस्तावेजों का परीक्षण किया गया और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष सीबीआई ने बताया कि विवेचना के दौरान जो हार्ड डिस्क एसटीएफ द्वारा जप्त की गयी थी वह सही है परंतु अन्य व्यक्तियों द्वारा पैन ड्राइव के साथ जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे वह फर्जी और कूटरचित है।
o संतोष शर्मा ने परिवाद में कहा था कि वे इस विषय को लेकर थाना श्यामला हिल्स भोपाल और सीबीआई में शिकायत कर चुके है लेकिन कहीं भी कार्यवाही नहीं होने के कारण माननीय न्यायालय के समक्ष यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है।
o न्यायालय ने आवेदक के पत्र अंतर्गत धारा 156 (3) पर संज्ञान लेते हुए दिग्जिवय सिंह, प्रशांत पाण्डे, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के विरूद्ध प्रकरण पंजीबद्ध करने के निर्देश दिए है।
o यह प्रकरण आईपीसी की धारा 465, 468, 469, 471, 472, 474, 120 बी एवं अन्य के तहत दर्ज होगा।
इनका कहना नेताओं ने
अभी कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त नहीं हुई है। आदेश का अध्ययन करने के बाद ही उचित कदम उठाए जाएंगे।
कमलनाथ, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
सत्य परेशान हो सकता है किन्तु पराजित नहीं, न डरेंगे न झुकेंगे सत्य की लड़ाई अंतिम सांस तक लडेंगे।
ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद