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शहडोल में स्कूली छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया

स्कूली छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया

शहडोल। नाबालिग स्कूली छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीपीसीआर) ने स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग के प्रधान निज सचिव धर्मेंद्र भंडारी ने प्रकाशित खबरों की प्रतिलिपि संलग्न करते हुए शहडोल पुलिस से सात बिंदुओं पर सात दिनों के अंदर जवाब मांगा है।

  • प्रकरण में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट की स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।
  • आरोपितों के विरुद्ध की गई कार्रवाई का विवरण।
  • पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट की स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।
  • कापी को फोरेंसिक लैब भिजवाकर जांच की रिपोर्ट की स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।
  • वीडियो की कापी जांच रखते हुए आरोपितों के फोन से वीडियो स्थायी रूप से हटाए जाने के लिए की गई कार्यवाही का विवरण।
  • पीड़िता के 164 सीआरपीसी के बयानों की स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।
  • बाल कल्याण समिति के आदेशों-निर्देशों की स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।

दस मई को जारी पत्र में आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पीड़िता की पहचान को हर स्तर पर गोपनीय रखा जाए और अब तक की गई वैधानिक कार्रवाई से अवगत कराया जाए। बता दें कि मामला सामने आने के बाद शहडोल पुलिस ने आठ माई को पांचों आरोपितों को रीवा और उमरिया से गिरफ्तार किया था। इसी दिन शाम को सभी के घरों के अवैध हिस्सों पर बुलडोजर चलवा दिया था।

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