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तीन बार हुए फेल, फिर फ्री कोचिंग का लिया सहारा और बन गए IAS ऑफिसर

 चंद्रकांत बागोरिया: तीन बार हुए फेल, फिर फ्री कोचिंग का लिया सहारा और बन गए IAS ऑफिसर  चंद्रकांत बागोरिया ने यूपीपीसीएस की परीक्षा में 5वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन आईएएस बनने के सपने के आगे उन्होंने इस जॉब को ठुकरा दिया. हालांकि, अगले ही साल वह यूपीएससी क्लियर कर आईएएस ऑफिसर बन गए.

 

IAS Chandrakant Bagoria Success Story: भारत की सबसे कठिन परीक्षा की बात करें, तो उसमें यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा सबसे ऊपर है. हर साल देशभर से लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं और परीक्षा में उत्तीर्ण होने के एकमात्र इरादे से परीक्षा में शामिल भी होते हैं. हालांकि, केवल कुछ चुनिंदा उम्मीदवार ही इस परीक्षा को पास कर सफलता हासिल कर पाते हैं. परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS) या आईएफएस (IFS) अधिकारी समेत ए ग्रेड के ऑफिसर की उपाधि मिलती है.

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को तीन चरणों प्रीलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू में विभाजित किया गया है. आईएएस चंद्रकांत बागोरिया ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने वालों को एक बैकअप रणनीति बनाने की सलाह दी है. आईएएस अधिकारी बनने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए चंद्रकांत ने कई सालों तक कड़ी मेहनत की थी.

चंद्रकांत राजेंद्र बागोरिया के बेटे हैं, जो उत्तराखंड के अल्मोडा में सरकारी इंटर कॉलेज में प्रोफेसर हैं. चंद्रकांत की मां भुवनेश्वरी ने उन्हें सिविल सेवा में जाने के लिए प्रोत्साहित किया था. उन्होंने चंद्रकांत को इसके लिए बहुत प्रेरणा दी और सफल न होने पर भी उनका समर्थन करना बंद नहीं किया.

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