अंतराष्ट्रीय

ट्रंप की अभद्र टिप्पणी से दुनिया में बवाल

वॉशिंगटन। अपनी विवादित टिप्णियों की वजह से चर्चा में रहने वाले अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने फिर अपनी एक कथित अभद्र टिप्पणी से दुनिया में बवाल मता दिया है जिजसे वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर हैं। अफ़्रीकी देशों के प्रतिनिधि संगठनों ने अमरीकी राष्ट्रपति से माफी मांगने को कहा है. इन संगठनों ने इस पर हैरत और ग़ुस्सा जताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन ने अफ्रीकियों को ग़लत समझा है।

ट्रंप पर आरोप है कि ओवल दफ़्तर में आव्रजन नीति पर एक बैठक के दौरान उन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप, हैती और एल सल्वाडोर जैसे देशों के लिए असभ्य भाषा का प्रयोग किया था।हालांकि, ट्रंप ने इस बात को ख़ारिज़ किया है। उनका कहना है कि उन्होंने हैती के लोगों का अपमान नहीं किया है।लेकिन उस बैठक में मौजूद होने का दावा करने वाले डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा है कि ट्रंप ने अफ्रीकी देशों को ‘शिटहोल्स’ कहा था और उनके लिए ‘नस्लभेदी’ भाषा का प्रयोग किया था।

अफ़्रीकी देशों के प्रतिनिधि संगठनों ने अमरीकी राष्ट्रपति से माफी मांगने को कहा है. इन संगठनों ने इस पर हैरत और ग़ुस्सा जताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन ने अफ्रीकियों को ग़लत समझा है। हालांकि, उस बैठक में मौजूद रहे अन्य दो रिपब्लिकन नेताओं का कहना है कि उन्हें ऐसी किसी टिप्पणी के बारे में याद नहीं है। अमरीकी राष्ट्रपति की कथित टिप्पणी कीदुनिया भर में  काफ़ी आलोचना हो रही है।

अफ़्रीकी देश बोत्सवाना की विदेश मंत्री पेइलोनोमी वेंसन मोईतोई ने भी इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा है, “यह आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला शब्द नहीं है। यह ऐसा शब्द नहीं है जिसे राष्ट्रपति को इस्तेमाल करना चाहिए। हम जानते हैं कि यह अमरीकी कांग्रेस नहीं है जिसने इस शब्द को इस्तेमाल करने के लिए अधिकार दिया है। इस पूरे विवाद को थामने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्विटर का सहारा लिया और कहा कि उन्होंने ऐसा कोई शब्द नहीं कहा था। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया कि बैठक में उनकी भाषा ‘सख़्त’ थी लेकिन जिस शब्द को उनसे जोड़ा जा रहा है, ‘वैसी भाषा इस्तेमाल नहीं की है।’  अपनी विवादित टिप्णियों की वजह से चर्चा में रहने वाले अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने फिर अपनी एक कथित अभद्र टिप्पणी से दुनिया में बवाल मता दिया है जिजसे वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर हैं। अफ़्रीकी देशों के प्रतिनिधि संगठनों ने अमरीकी राष्ट्रपति से माफी मांगने को कहा है. इन संगठनों ने इस पर हैरत और ग़ुस्सा जताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन ने अफ्रीकियों को ग़लत समझा है।

ट्रंप पर आरोप है कि ओवल दफ़्तर में आव्रजन नीति पर एक बैठक के दौरान उन्होंने अफ्रीकी महाद्वीप, हैती और एल सल्वाडोर जैसे देशों के लिए असभ्य भाषा का प्रयोग किया था।हालांकि, ट्रंप ने इस बात को ख़ारिज़ किया है। उनका कहना है कि उन्होंने हैती के लोगों का अपमान नहीं किया है।लेकिन उस बैठक में मौजूद होने का दावा करने वाले डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा है कि ट्रंप ने अफ्रीकी देशों को ‘शिटहोल्स’ कहा था और उनके लिए ‘नस्लभेदी’ भाषा का प्रयोग किया था।

अफ़्रीकी देशों के प्रतिनिधि संगठनों ने अमरीकी राष्ट्रपति से माफी मांगने को कहा है. इन संगठनों ने इस पर हैरत और ग़ुस्सा जताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन ने अफ्रीकियों को ग़लत समझा है। हालांकि, उस बैठक में मौजूद रहे अन्य दो रिपब्लिकन नेताओं का कहना है कि उन्हें ऐसी किसी टिप्पणी के बारे में याद नहीं है। अमरीकी राष्ट्रपति की कथित टिप्पणी कीदुनिया भर में  काफ़ी आलोचना हो रही है।

अफ़्रीकी देश बोत्सवाना की विदेश मंत्री पेइलोनोमी वेंसन मोईतोई ने भी इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा है, “यह आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला शब्द नहीं है। यह ऐसा शब्द नहीं है जिसे राष्ट्रपति को इस्तेमाल करना चाहिए। हम जानते हैं कि यह अमरीकी कांग्रेस नहीं है जिसने इस शब्द को इस्तेमाल करने के लिए अधिकार दिया है। इस पूरे विवाद को थामने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्विटर का सहारा लिया और कहा कि उन्होंने ऐसा कोई शब्द नहीं कहा था। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया कि बैठक में उनकी भाषा ‘सख़्त’ थी लेकिन जिस शब्द को उनसे जोड़ा जा रहा है, ‘वैसी भाषा इस्तेमाल नहीं की है।’

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