गुजरात में लव जिहाद पर अब होगी 3 से 10 साल तक की सजा, विधानसभा में विधेयक पारित

गुजरात में लव जिहाद अब गैरकानूनी होगा। इसके लिए लाए गए गुजरात धर्म स्वातंत्र्य संशोधन विधेयक-2021 को राज्य की विधानसभा ने पारित कर दिया है। इसके तहत बहला-फुसलाकर, धमकी, लालच व भय दिखाकर अन्य धर्म की युवती से विवाह व मतांतरण के लिए तीन से पांच साल तक की सजा और दो लाख रुपये जुर्माना का प्रविधान किया गया है। नाबालिग व अनुसूचित जाति-जनजाति के मामले में सात साल की सजा होगी। इस काम में किसी संस्था के मददगार होने पर पदाधिकारियों के लिए 10 साल की सजा का प्रविधान किया गया है। साथ ही ऐसी संस्था को सरकारी अनुदान नहीं मिलेगा। गृह राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने विधानसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा कि बहन-बेटियों को कसाइयों के हाथों में नहीं जाने देंगे। जाडेजा ने कहा कि लव जिहाद एक संगठित अपराध है। इसमें लड़कियों के जीवन को बर्बाद कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया जाता है। कपटपूर्ण साधनों का उपयोग कर, छद्म नाम व धर्म अपनाकर अथवा धर्म का चिह्न बताकर विवाह इस कानून के अंतर्गत अपराध माना जाएगा। सरकार ने इसे गैरजमानती अपराध माना है तथा पुलिस उपाधीक्षक स्तर का अधिकारी ही ऐसे मामलों की जांच कर सकेगा। ऐसे मामले में पीड़ित माता-पिता, भाई-बहन अथवा नजदीकी रिश्तेदार या दत्तक व्यक्ति भी पुलिस में शिकायत कर सकेगा। इस तरह के विवाह का परामर्श व सहायता देने वाली संस्था के पदाधिकारियों को तीन से 10 साल की सजा और पांच लाख रुपये जुर्माना होगा।