खितौली गेहूं खरीदी में दलाल हावी, हर स्तर पर हो रही कमीशनखोरी

कटनी, बरही। जिले में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी में जमकर अनियमितताएं सामने आ रही हैं। कहीं किसानों की उपज को खराब बताकर उन्हें खरीदी केन्द्रों से वापस लौटाया जा रहा है तो कहीं दलालों के माध्यम से घटिया गेहूं की खरीदी की जा रही है। इसका खुलासा कल शनिवार को उस समय हुआ, जब बरही तहसील के अंतर्गत ग्राम खितौली के खरीदी केन्द्र से दो ट्रकों में भरा गेहूं भंडारण के लिए वेयरहाऊस पहुंचा।
यहां गेहूं की जांच की गई तो गेहूं न केवल अमानक स्तर का पाया गया, बल्कि गेहूं में घुन भी लगा हुआ था। नागरिक आपूर्ति निगम ने दो ट्रकों में आया 871 क्विंटल गेहूं जब्त करते हुए जांच शुरू कर दी है। इस पूरे मामले में मप्र राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
खरीदी केन्द्रों में खुलेआम घटिया स्तर का गेहूं खरीदा जा रहा है, इसके बावजूद अब तक जिले में भी किसी भी सहकारी समिति के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई है। पूरी व्यवस्था में कमीशनखोरी हावी है और दलालों का दबदबा है। गौरतलब है कि किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी करने के लिए जिले में आधा सैकड़ा से अधिक खरीदी केन्द्र खोले गए हैं, जहां सहकारी समितियों द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जा रही है।
शिकायतों के मुताबिक खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर की जा रही गेहूं की खरीदी में मापदंडों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। कमीशन के खेल में गुणवत्ता को दरकिनार कर दिया गया है। यही वजह है कि दलालों के माध्यम से अमानक गेहूं की खरीदी हो रही है। खरीदी केन्द्र में कर्मचारियों द्वारा हर स्तर पर कमीशन तय किया गया है, पहले तो किसानों का गेहूं खराब बता दिया जाता है लेकिन बाद में जब किसान कमीशन देने को तैयार हो जाता है, तो उसी से गेहूं खरीद लिया जाता है। अधिकांश किसानों के साथ ऐसा ही किया जाता है। खरीदी केन्द्रों में दलाल भी सक्रिय है, जो खरीदी केन्द्रों के कर्मचारियों और किसानों की मिलीभगत कराते हैं।
जांच में मिला गुणवत्ताहीन गेहूं
बरही तहसील के अंतर्गत ग्राम खितौली स्थित खरीदी केन्द्र में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए गेहूं को शनिवार को परिवहन कराते हुए भंडारण के लिए सावरिया वेयर हाउस भेजा गया था। इस बीच खाद्य विभाग के अधिकारियों को सूचना मिली कि जो गेहूं भंडारण के लिए भेजा गया है, उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। जिसके बाद खाद्य विभाग के अधिकारी सावरिया वेयर हाउस पहुंचे और बरही और खितौली खरीदी केन्द्रों से भेजे गए गेहूं का सेंपल लिया। सेंपल लेकर गेहूं को जांच के लिए भेजा गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि गेहूं अमानक है कि वहीं गेहूं को वेयर हाउस में अलग से रखा गया है। ताकि आमानक होने पर उसे वापस भेजा जा सके। बताया जाता है कि ट्रक क्रमांक एमपी 20 एचबी 5348 में 540 क्विंटल व ट्रक क्रमांक एमपी 21 एच 0540 में 331 क्विंटल गेहंू भरा हुआ था।
किसानों के रजिस्ट्रेशन से बिक रहा गेहूं
खरीदी केन्द्रों में परेशानी से बचने और तत्काल भुगतान होने के लिए किसान व्यापारियों को अनाज बेच रहे हैं, जिसके बाद खरीदी केन्द्रों में किसानों के ही रजिस्ट्रेशन में व्यापारियों द्वारा अनाज बेचा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो किसानों से व्यापारी 15 सौ रुपए प्रति क्विंटल में गेहूं खरीदता है और फिर उसे खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर बेचता हैं। इस खेल में सभी स्तर पर मिलीभगत है। यही वजह है कि मामले की जांच तक नहीं की जाती है।