केंद्रीय कर्मचारी के लिए खुशखबरी, 2016 से रुके प्रमोशन फिर से मिलेंगे

जबलपुर, विशेष प्रतिनिधि। केंद्र सरकार में पिछले 2016 से ठप पड़े प्रमोशन का रास्ता खुल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन के इंतजार में टकटी लगाए केंद्रीय कर्मचारियों को राहत देते हुए आदेश दिया है कि प्रमोशन में आरक्षण को लेकर तमाम हाई कोर्टों के रोक पर केंद्र सरकार की विशेष याचिका के अंतिम निस्तारण से पहले प्रमोशन करते रहे हैं। ये प्रमोशन आरक्षण श्रेणी के आरक्षण श्रेणी के पदों पर, जनरल वाले जनरल श्रेणी के पदों पर और मेरिट वाले मेरिट पदों पर होते रहेंगे।जरनैल सिंह बनाम लक्ष्मी नारायण गुप्ता केस में पंजाव और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट 17 मई को आदेश दिया कि प्रमोशन में रिजर्वेशन को लेकर जितनी भी याचिकाएं और केंद्र सरकार की एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। इस केस के पेंडिंग होने का असर मौजूद प्रमोशन नीति पर नहीं पड़ेगा और रिजर्व-टू-रिजर्व, जनरल-टू-जनरल और मेरिट-टू-मेरिट प्रोमोशन करते रहें।
एसएलपी का जब अंतिम निर्णय आएगा ये सभी प्रमोशन उसी पर निर्भर करेगा। अलबत्ता अभी भी एक पेंच फंसा हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला केवल जनरैल केस की एसएलपी के लिए है या जितनी एसएलपी पेंडिंग हैं, उन सभी के लिए है। इस मुद्दे पर कार्मिक मंत्रालय अटॉरनी जनरल से कानूनी मदद लेगा।
मालूम हो कि सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण को लेकर विभिन्न हाई कोटरे और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण कार्मिक विभाग ने 30 सितम्बर 2016 को एक आदेश निकालकर सभी तरह की पदोन्नतियों पर रोक लगा थी। तब से कर्मचारी परेशान इधर से उधर भाग रहे हैं। कई राज्यों में तो आरक्षित श्रेणी के कर्मचारियों का डिमोशन हो गया है।
केंद्र सरकार में एससी/एसटी कर्मचारियों पर भी डिमोशन का खतरा मंडरा रहा था। इस बीच केंद्र सरकार खुद ही सुप्रीम कोर्ट चली गयी। सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर संविधान पीठ का गठन करेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सीएसएस फोरम के संयोजक ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी रुकावटें दूर होंगी और सबको प्रमोशन मिल सकेगा। उन्होंने कार्मिक सचिव का धन्यवाद किया जिन्होंने व्यक्तगत रुचि ली। मनोज रावत महासचिव ऑल इंडिया डीआरडीओ पर्सनल स्टाफ एसोसिएशन ने जानकारी दी ।