आयुध निर्माण से जुड़े 50 से ज्यादा उद्योगों में जून से बंद हो जाएगा काम

जबलपुर। शहर की आयुध निर्माणियों से जुड़े 50 से ज्यादा सहायक उद्योगों का जून से बंद होना लगभग तय हो गया है। वजह रक्षा मंत्रालय दिल्ली के निर्देश पर आयुध निर्माणियों द्वारा सहायक उद्योगों को काम नहीं दिया जाना है। यह कहना है डिफेंस एन्सलरी एसोसिएशन का।
एसोसिएशन ने आयुध निर्माणियों के सहायक उद्योगों को बंद होने से बचाने रक्षामंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के साथ तत्काल सांसद, महाकोशल चेम्बर और एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मौजूदगी में चर्चा बैठक रखने की मांग की है। साथ ही कहा है कि निर्माणियों में बनने वाले अस्त्र-शस्त्र, वाहनों के कुछ हिस्से सहायक उद्योग बनाने और उनकी सप्लाई करने का काम करते हैं।
वर्तमान में रक्षा मंत्रालय ने आयुध निर्माणियों के मुख्य उत्पादों को नॉनकोर ग्रुप की सूची में शामिल करके इनकी पूंजीपति घरानों के निजी संस्थानों से खरीदी करने की नीति बनाई है। इससे निर्माणियों से जुड़े सहायक उद्योगों की हालत बदतर होने के साथ ही उनके हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं।
केन्द्र की इस नीति से जनता के बीच आक्रोश भड़क रहा है, जिसे शीघ्र बदला जाना चाहिए। इसके बाद भी केन्द्र ने शहर विकास, निर्माणियों के सहायक उद्योगों व इनमें कार्यरत कर्मचारियों की बेरोजगारी पर ध्यान नहीं दिया तो उन्हें आने वाले चुनावों में हार का सामना भी करना पड़ सकता है।
महानिदेशक को बताई समस्या –
एसोसिएशन प्रेसीडेंट आरएस बंसल, सुशील गुप्ता, एके गुप्ता ने बताया कि निर्माणियों के सहायक उद्योगों को काम नहीं मिलने पर आयुध निर्माणी बोर्ड के महानिदेशक सुनील कुमार चौरसिया से मुलाकात की। इस दौरान एसोसिएशन ने महानिदेशक के लिए अपनी समस्या भी बताई। तब उन्होंने कहा कि ओएफबी का काम सिर्फ पोस्टमैन की तरह है। मंत्रालय से जो निर्देश मिलते हैं, उनका परिपालन किया जाता है। सहायक उद्योगों को काम चाहिए, तो रक्षा मंत्रालय से संपर्क करें।
व्हीएफजे को मिलेगा ‘सी’ ग्रेड –
एसोसिएशन ने कहा है कि व्हीएफजे में बनाए जाने वाले सैन्य वाहन एलपीटीए, स्टेलियन को नॉनकोर ग्रुप में शामिल हो चुके हैं। इससे साफ है कि व्हीएफजे को काम के आधार पर मिला ‘ए’ ग्रेड का दर्जा अब कम काम होने से ‘सी’ ग्रेड का हो जाएगा।
मुख्यमंत्री को दिया पत्र –
एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भेजकर रक्षामंत्री के साथ शीघ्र चर्चा बैठक फिक्स कराने की मांग रखी है। इसमें कहा है कि शासन की मर्जी पर रक्षामंत्री की अध्यक्षता में जबलपुर या भोपाल में यह बैठक हो सकती है।