काम के तनाव को व्यवहार पर हावी न होने दें-आशीष
जबलपुर। पुलिस कर्मी एक ऐसा सेवक है जो 13 महीने की सेवा देता है, जो घर- परिवार के लिए कम से कम समय निकाल पाता है और ज्यादातर समय उसका सेवाकाल में ही जाता है।
ऐसे में तनाव और चिड़चिड़ाहट होना स्वाभाविक है। लेकिन काम के इस दबाव को पुलिस अधिकारियों को अपने व्यवहार पर हावी नहीं होने देना चाहिए।
यह कहना था यश भारत के संस्थापक आशीष शुक्ला का ,जो शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित एक व्याख्यान माला को संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यशाला का आयोजन पुलिस को समाज से जोड़ने और पत्रकारों के साथ सामंजस्य बनाने के उद्देश्य से किया गया है जिसमें पुलिस के आला अधिकारियों सहित एसआई, एएसआई व हवलदार रैंक के कर्मचारी शामिल हुए।
हम दो पहिये हैं
व्याख्यानमाला की शुरुआत में आशीष शुक्ला ने बताया कि पुलिस और पत्रकार व्यवस्था के दो प्रमुख पहिये हैं यदि इनमें सामंजस्य बना रहता है तो समाज अग्रसर होता है।
उन्होंने रिपोर्टिंग के दौरान पुलिस के साथ जो अनुभव रहे उसे भी साझा किया ,साथ ही बताया कि पुलिस पत्रकारों को यदि अपने मित्र की तरह रखेगी तो पत्रकार कहीं न कहीं उनके काम में सहयोगी भी सिद्घ होते हैं। उन्होंने सबसे बड़ी बात व्यवहार और तनाव प्रबंधन पर कही।
जिसको लेकर मौजूद अधिकारियों ने अपने विषय व सुझाव भी साझा किए। कार्यशाला का सफल संचालन एडीशनल एसपी संजय साहू के द्वारा किया गया।