HealthFEATUREDफिटनेस फंडा

महिला स्वास्थ्य: मेनोपॉज के दौरान क्या करें और क्या न करें

...

महिला स्वास्थ्य: मेनोपॉज के दौरान क्या करें और क्या न करें महिलाओं में कब आता है मेनोपॉज, शुरुआत में कैसे दिखते हैं इसके लक्षण, एक उम्र के बाद हर महिला को मेनोपॉज होता है. पीरियड्स आने की ही तरह महिला के जीवन में मेनोपॉज भी आता है. यह एक नैचुरल साइकल है जो आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच आती है. मेनोपॉज शुरू होने का मतलब होता है कि महिला अब सामान्य तरीके से मां नहीं बन सकती

Dr. Reddy’s Laboratories: डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज की जेनेरिक दवा वापसी: USFDA ने दी बड़ी जानकारी

ऐसा इसलिए क्योंकि मेनोपॉज के साथ ही महिला को हर महीने होने वाले पीरियड्स समाप्त हो जाते हैं. अब महिला के शरीर में अंडे बनने भी लगभग बंद हो जाते हैं. कुछ मामलों में महिलाओं को मेनोपॉज की जानकारी नहीं होती है कि मेनोपॉज हो गया है. अगर 45 से 55 की उम्र के दौरान उनके शरीर में बदलाव होते हैं, तो वह घबरा जाती है. ऐसे में आपके लिए जानना जरूरी है कि मेनोपॉज क्यों होता है और इसके लक्षण व इस दौरान सेहत का ध्यान कैसे रखें.

इसे भी पढ़ें-  Cyclone fangal: समुद्र तट से आज टकराएगा चक्रवात फेंगल, भारी बारिश का अलर्ट जारी….

मेनोपॉज महिलाओं में एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसमें पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं. यह आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु में होता है, लेकिन यह आयु महिला की स्वास्थ्य स्थिति, जीवनशैली और आनुवंशिक कारकों पर निर्भर करती है. मेनोपॉज का समय महिला के जीवन में कई शारीरिक और भावनात्मक बदलाव लेकर आता है. इसके साथ ही इस दौरान महिलाओं को कई प्रकार के लक्षणों का अनुभव हो सकता है. जिनके बारे में जानकारी होना जरूरी है.

 

मेनोपॉज में क्या लक्षण दिखते हैं

– हॉट फ्लैशिज

– रात में सोते समय पसीना आना

– मूड स्विंग्स होना

– चिड़चिड़ापन, चिंता या उदासी होना

– सोने में परेशानी होना, नींद न आना शामिल है.

 

मेनोपॉज के दौरान कैसे रखे ध्यान

मेनोपॉज के दौरान होने वाले लक्षणों से निपटने के लिए आप इन उपायों को अपना सकते हैं. आप मेनोपॉज के दौरान होने वाले लक्षणों के बारे में किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं और उनकी सलाह के अनुसार उपचार कर सकते हैं. इस दौरान आपको अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना है इसलिए आप अपने डॉक्टर से बात कर उनकी सलाह के हिसाब से ही डाइट लें ताकि आपको किसी पोषण की कमी न हों और आप कमजोरी महसूस न करें.अपनी डाइट में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को डाइट में शामिल करें.

 

लाइफस्टाइल अच्छा रखें

मेनोपॉज के दौरान कैफीन और अल्कोहल ज्यादा न लें. इस दौरान शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी कम हो सकता है इसलिए इसका विशेष ध्यान रखें वर्ना हड्डियों में कमजोरी आ सकती है. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं. नियमित व्यायाम करें, आधे घंटे रोजाना वॉक कर सकते हैं. नींद को बेहतर करने की कोशिश करें. सोने से पहले स्क्रीन से दो घंटे की ब्रेक लें और सोने का एक रूटीन बनाएं कमजोरी महसूस होने पर आराम करें.

इसे भी पढ़ें-  आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हादसा: 5 डॉक्टर्स की मौत, परिवारों में मचा कोहराम

 

डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज कराएं

मेनोपॉज के दौरान अगर परेशानी ज्यादा है तो डॉक्टर से सलाह लें. डॉक्टर आपको हार्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी), नॉन-हार्मोनल दवाएं जीवनशैली में बदलाव (जैसे कि स्वस्थ आहार और व्यायाम) की सलाह दे सकते हैं.

 

Ashutosh shukla

30 वर्षों से निरन्तर सकारात्मक पत्रकारिता, संपादक यशभारत डॉट काम

Related Articles

Back to top button